देहरादून के ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण की दिशा में एमडीडीए को बड़ी सफलता

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि पांच दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव की उपस्थिति में आरएलडीए के साथ विस्तृत एमओयू हस्ताक्षरित किया गया था। इसके बाद कंसल्टेंट कंपनी ने टेंडर की कार्रवाई के लिए नीति आयोग के प्रारूप पर आरएफक्यू (रिक्वेस्ट फॉर क्योशन) उपलब्ध कराया गया था। प्राधिकरण से इसे आगे की स्वीकृति के लिए शासन व आरएलडीए को भेजा गया। इस पर दोनों स्तर पर स्वीकृति मिल गई है।

देहरादून के ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण की दिशा में एमडीडीए को बड़ी सफलता हाथ लगी है। निर्माण के लिए टेंडर जारी करने की अंतिम औपचारिकता पर उत्तराखंड शासन (आवास विभाग) व रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) ने मुहर लगा दी है। अब निर्माण कार्यो के लिए नियमानुसार टेंडर जारी किए जा सकेंगे।

जल्द रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। जब भी अनुबंध किया जाएगा, उसके बाद काम पूरा करने के लिए तीन साल की अवधि तय की जाएगी।

550 करोड़ रुपये में विकसित होगा स्टेशन

रेलवे स्टेशन का विकास करीब 550 करोड़ रुपये से किया जाएगा। पूरे काम में इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि रेलवे स्टेशन के ऐतिहासिक स्वरूप को बरकरार रखा जाए। खासकर इसके अग्र भाग का स्वरूप वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) की तरह नजर आएगा।

एयरपोर्ट की तरह अराइवल व डिपार्चर की होगी व्यवस्था 

रेलवे स्टेशन पर अधिक भीड़ के दौरान भी व्यवस्था कायम रहे, इसके लिए अराइवल (आगमन) व डिपार्चर (प्रस्थान) के लिए अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। जब भी यात्री प्लेटफार्म पर पहुंचेंगे तो ट्रेन के आने तक वह यहां पर विश्राम कर सकेंगे। उनकी सुविधा के लिए रेस्तरां आदि की व्यवस्थाएं रहेंगी। साथ ही प्लेटफार्म के ऊपर मानक ऊंचाई पर कॉनकोर्स (विभिन्न गतिविधियों जैसे इंतजार करने, बैठने, खाने-पीने आदि की एक साथ व्यस्था का साधन) बनाया जाएगा।

आधुनिक स्टेशन में यह भी होंगे इंतजाम 

  • बजट एवं स्टार होटल का निर्माण किया जाएगा।
  • विभिन्न खरीदारी के लिए कमर्शियल स्पेस की व्यवस्था रहेगी।
  • स्मार्ट पार्किंग दी जाएगी।
  • बच्चों के मनोरंजन के लिए किड्स जोन बनाया जाएगा।
  • दिव्यागजनों के लिए विशेष इंतजाम रहेंगे। ताकि वह निर्बाध आवागमन कर सकें।
  • आवासीय परिसर का भी निर्माण किया जाएगा।
  • ओल्ड टिहरी की तर्ज पर घंटाघर का निर्माण किया जाएगा।
  • उत्तराखंड की पारंपरिक वास्तुकला आधारित होगा निर्माण।
  • आवागम को बेहतर बनाने के लिए अंडरपास का भी निर्माण कराया जाएगा।
  • स्टेशन में यातायात का उचित प्रबंधन के लिए दूसरे छोर (भंडारीबाग) पर भी बड़ा गेट बनाया जाएगा।

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