नेशनल असेसमेंट सर्वेक्षण 2017 के तहत, 10वीं में छात्रों के गणित में 52 प्रतिशत, विज्ञान में 51 प्रतिशत, सामाजिक विज्ञान में 53 प्रतिशत, इंगलिश में 58 प्रतिशत और मॉडर्न इंडियन लैंग्वेज में 62 प्रतिशत औसत अंक आ रहे हैं। इस रिजल्ट को सुधारने के लिए परीक्षा की प्रणाली में कुछ बदलाव कर दिए गए हैं।
सीबीएसई 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं में जरा सी मेहनत और एकाग्रता छात्रों को खूब अंक दिला सकती है। जी हां, बोर्ड ने पिछले साल के बाद इस साल से भी कुछ बदलाव लागू किए हैं। यह बोर्ड परीक्षाओं पर भी प्रभावी माने जाएंगे।
आंतरिक परीक्षाओं में यह बदलाव
पहले पीरियोडिक टेस्ट 10 अंकों का होता था जो कि अब पांच-पांच अंकों के दो हिस्सों में बांट दिया गया है। पांच अंक का पेन पेपर टेस्ट होगा जबकि पांच अंक की क्विज, ओरल, कांसेप्ट मैप आदि होंगे।
नोटबुक के पहले पांच अंक मिलते थे जो कि अब क्लासवर्क के साथ ही स्वयं मूल्यांकन के लिए दिए जाएंगे। अभी तक साइंस में प्रैक्टिकल के पांच अंक मिलते थे, अब साइंस के साथ ही सोशल साइंस में भी प्रोजेक्ट वर्क के पांच अंक दिए जाएंगे।
10वीं बोर्ड और 9वीं वार्षिक परीक्षा में यह बदलाव
20 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जा रहे हैं जो कि पिछले साल की परीक्षाओं से लागू कर दिए गए हैं। इसके अलावा 60 अंकों की परीक्षा सब्जेक्टिव होगी। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि छात्र प्रश्नों का और बेहतर जवाब दे सके। 20 अंकों के बहुविकल्पीय प्रश्न होने से निश्चित तौर पर छात्र के लिए परीक्षा पास करने की राह आसान हो जाएगी।