ममता कुलकर्णी की संपत्ति कुर्क करने के आदेश

ठाणे। मादक द्रव्य रोधी (एनडीपीएस) अदालत ने बॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश दिया है। साल 2016 में ठाणे पुलिस ने कई करोड़ रुपये का कारोबार करने वाले एक मादक पदार्थ गिरोह का पर्दाफाश किया था, जिसमें मुख्य आरोपियों में ममता कुलकर्णी भी शामिल है। एनडीपीएस की विशेष अदालत के न्यायाधीश एच एम पटवर्धन ने मादक पदार्थ गिरोह मामले में ममता कुलकर्णी के हाजिर नहीं होने के बाद पिछले सप्ताह अभिनेत्री के मुंबई के अलग अलग इलाकों में बने तीन आलीशान फ्लैट्स को कुर्क करने का आदेश दिया था। ममता के इन तीन आलीशान फ्लैट्स की कीमत करीब 20 करोड़ रुपये बतायी जाती है। विशेष लोक अभियोजक शिशिर हिरे ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से अपील किये जाने के बाद अदालत ने कुलकर्णी की इन तीन संपत्तियों को कुर्क करने के निर्देश दिये।

अदालत ने 2,000 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ से जुड़े मामले में पेश नहीं होने के बाद कुलकर्णी को भगोड़ा घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि कुलकर्णी को दो साल पहले मादक द्रव्य कारोबारी विक्की गोस्वामी से जुड़े इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने दावा किया था कि वह मादक पदार्थ कारोबार की अवैध गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थी। ठाणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उस समय कहा था कि पुलिस कुलकर्णी और गोस्वामी के प्रत्यर्पण की कोशिश करेगी। बताया जाता है कि कुलकर्णी और गोस्वामी के बीच रिश्ता है और वे इस समय अफ्रीका में केन्या में रह रहे हैं।

पिछले साल छह जून को ठाणे अदालत ने गोस्वामी और कुलकर्णी को भगोड़ा घोषित कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने अदालत से अभिनेत्री की संपत्तियों को कुर्क करने की अपील की। हिरे ने बताया कि कुलकर्णी की संपत्तियों को कुर्क करने की अपील को लंबित रखा गया था और दोनों फरार अभियुक्तों को अदालत में पेश होने का एक मौका और दिया गया था। हालांकि बाद में यह स्पष्ट होने के बाद कि उनके अदालत के समक्ष उपस्थित होने की संभावना नहीं है, न्यायाधीश ने कुलकर्णी की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश जारी किया। पुलिस ने अप्रैल 2016 में महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में स्थित एवान लाइफसाइंसेज लिमिटेड के परिसर में छापेमारी की थी, जिसमें करीब 2,000 करोड़ रुपये के मूल्य वाली 18.5 टन इफेड्रिन जब्त की गयी, जिसके बाद इस मादक पदार्थ गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था।
पुलिस के मुताबिक इफेड्रिन नियंत्रित मादक पदार्थ है, जिसे कथित तौर पर एवान लाइफसाइंसेस की सोलापुर इकाई से हटाया जा रहा था और प्रसंस्करण के बाद इसे विदेश भेजा गया था। एफेड्राइन पाउडर का उपयोग सूंघ कर नशा करने के लिये किया जाता है और पार्टियों में लोकप्रिय मादक पदार्थ मेथेम्फेटामाइन का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। मादक पदार्थ गिरोह का पता लगाने से ठीक पहले, एवान लाइफसाइंसेस परिसर में 100 किलोग्राम इफेड्रिन बनाया गया था और हवाई मार्ग से केन्या भेजा गया था।ठाणे पुलिस ने बताया कि इसके लिए गोस्वामी द्वारा कंपनी के एक निदेशक मुकेश जैन को हवाला (धन हस्तांतरण के लिए एक अनौपचारिक चैनल) के जरिये भुगतान किया गया था। पुलिस के मुताबिक जैन कई बार गोस्वामी से मिलने के लिये विदेश गया था।

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