देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने मलिन बस्तियों पर रहम फरमाया है। जिससे इनके ध्वस्तीकरण पर मंडराता खतरा फ़िलहाल टल गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में कर्इ फैसलों पर मुहर लगी है। बैठक में मलिन बस्तियों को अतिक्रमण हटाओ अभियान से राहत देने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी गर्इ है। साथ ही तीन साल के भीतर मलिन बस्तियों का नियमितीकरण किया जाएगा।
उत्तराखंड नगर निकाय एवं प्राधिकरण हेतु विशेष प्रावधान प्रावधान 2018 अध्यादेश कैबिनेट में पास हो गया है। इसके अंतर्गत लागू तिथि से तीन साल तक कोई भी दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी। पूर्व में 2016 के अध्यादेश की नियमावली तब तक लागू रहेगी, जब तक नई नियमावली नहीं बन जाती है। इस अध्यादेश का संबंध केवल मलिन बस्तियों के लिए ही है।
नगर की मलिन बस्तियों को उजड़ने से बचाने के लिए वार्ड संख्या 14 इंदिरा कॉलोनी चुक्खुवाला के नगर निगम पार्षद अजय सोनकार ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का हार्दिक आभार प्रकट किया है। गौरतलब है कि नगर क्षेत्र में रिस्पना और बिंदाल जैसी नदियों के किनारे बसी नदियों के अस्तित्व पर बीते कुछ समय से खतरा मंडरा रहा था। एक आदेश के तहत इन्हें अतिक्रमण मानकर ध्वस्त किया जाना था। किंतु सूबे के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन बस्तियों के हक में अध्यादेश लाकर मलिन बस्तियों को उजड़ने से बचा लिया।
बताते चलें कि एक बड़ा तबका बिंदाल और रिस्पना जैसी नदियों के किनारे बसी मलिन बस्तियों में रहकर गुज़र-बसर करता है। यदि इन बरसात के दिनों में इन्हें उजाड़ा जाता तो लाखों लोगों के सामने सिर छुपाने के का संकट खड़ा हो जाता। ऐसे में मुख्यमंत्री के इस सराहनीय प्रयास ने कई मायूस हो चुके चेहरों पर मुस्कान लाने का कार्य किया है।