नयी दिल्ली। केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने आरोप लगाया कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का कांग्रेस का नोटिस “ न्यायपालिका पर हमला ” और “ राजनीति से प्रेरित” है। कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी पार्टियों ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर ‘‘कदाचार” और अधिकार के “दुरुपयोग’’ का आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने के लिए कल एक नोटिस पेश किया है। गोयल ने कहा कि न्यायाधीश लोया के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस हड़बड़ी में थी क्योंकि फैसला उसके “मनमाफिक” नहीं था।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने संविधान के उस प्रावधान के तहत नोटिस दिया है जो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को पद से हटाने की बात कहता है, महाभियोग की नहीं। ।संसदीय कार्य राज्य मंत्री गोयल ने कहा, “मीडिया की खबरों के मुताबिक कांग्रेस ने (संविधान के) अनुच्छेद 124 (4) के तहत एक नोटिस दिया है लेकिन इस विशिष्ट अनुच्छेद के तहत उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने का प्रावधान है न कि उनके खिलाफ महाभियोग चलाने का। इसलिए इसके अस्वीकार होने की संभावना है। ”
उन्होंने कहा कि महाभियोग के प्रस्ताव का दोनों सदनों के दो तिहाई सदस्यों की स्वीकृति से पारित होना जरूरी है। ।विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए गोयल ने आरोप लगाया कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग चलाने का नोटिस ‘‘राजनीति से प्रेरित” है और उनके “पद की गरिमा कम करने’’ के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि कांग्रेस अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर न्यायपालिका को बिना किसी आधार और साक्ष्य के निशाना बना रही है।’’