उत्तराखंड के उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय युवाओं को देने के लिए बनेगा कानून
सचिवालय में सेवा योजन विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम ने कहा कि उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय युवाओं को देने की व्यवस्था केे पुख्ता इंतजाम किए जाएं। बैठक के बाद श्रम एवं सेवायोजन मंत्री हरक सिंह ने बताया कि सीएम की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में इस पर सहमति बन गई है। प्रदेश सरकार इसका कानून बनाएगी। विधेयक लाया जाएगा और विधानसभा से पास कराया जाएगा।
उत्तराखंड सरकार अब उद्योगों में 70 प्रतिशत रोजगार स्थानीय युवाओं को देने के लिए पुख्ता व्यवस्था करने जा रही है। सरकार इसके लिए कानून बनाएगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उद्योग विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रदेश में 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओें को रोजगार की व्यवस्था पहले से ही लागू है। पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के कार्यकाल में उद्योग विभाग ने यह आदेश जारी किया था। कोई नियमावली न होने के कारण यह व्यवस्था प्रदेश में पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई।
70 प्रतिशत रोजगार की व्यवस्था का पालन कराने के लिए श्रम और उद्योग के बीच भी खींचतान होती रही है। श्रम विभाग का कहना है कि व्यवस्था का पालन कराने के लिए उसके पास कोई अधिकार नहीं है। श्रम कानूनों में इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। उद्योग विभाग का महज यह कार्यालय आदेश है। उद्योग विभाग के मुताबिक व्यवस्था का पालन कराने का अधिकार श्रम विभाग के पास ही है।
उद्यमियों का कहना है कि 70 प्रतिशत स्थानीय युवाओें को रोजगार देने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है, लेकिन उस हिसाब से कुशल युवा होने चाहिए। प्रशिक्षित युवाओं की प्रदेश में कमी है।
2003 के विशेष औद्योगिक पैकेज ने प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र की सूरत ही बदल दी थी। इस समय करीब 55 हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश है और उद्योगों में ही विकास दर सबसे अधिक है।
उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित युवाओं को करना तैयार होगा। उद्योग भी इसकी मांग करते रहे हैं। आईटीआई और पॉलिटेक्निक को अपग्रेड करने की भी जरूरत है। कुछ आईटीआई इस समय उद्योगों ने गोद भी ली हुई हैं और विश्व बैंक की मदद से प्रदेश में कौशल विकास की परियोजना भी लागू है।
प्रवासियों को भी होगा फायदा
प्रदेश सरकार के इस फैसले को पीएम मोदी के लोकल के लिए वोकल के आह्वान के रूप में भी देखा जा सकता है। कोरोना संक्रमण की वजह से करीब तीन लाख प्रवासी लौटे थे, जिनमें से 71 प्रतिशत अभी प्रदेश में ही रोजगार खोज रहे हैं। ये क्षेत्र विशेष में दक्ष भी हैं। प्रदेश सरकार अगर जल्द यह व्यवस्था कर पाई तो इन प्रवासियों को भी फायदा होगा।