देहरादून। 21 वीं सदी में शिक्षा में नवाचार लाना बेहद ज़रूरी है। ये कहना है लक्ष्य यूनिवर्सल एकेडमी की प्रधानाचार्या मिनी त्रिपाठी का। विगत सप्ताह टीएचडीसी कॉलोनी परवल स्थित लक्ष्य यूनिवर्सल एकेडमी में त्रिदिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिसमें विद्यालय की प्रधानाचार्या मिनी त्रिपाठी द्वारा अध्यापकों को शिक्षण में नवाचार लाने हेतु विभिन्न शिक्षण तकनीकों के साथ ही साथ आदर्श पाठ योजना निर्माण एवं अनुपयोगी वस्तुओं का शिक्षण सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग करना तथा छात्रों में संज्ञानात्मक बोध कौशल को विकसित करने हेतु जानकारी दी गयी।
इसके अतिरिक्त विद्यालय के हेड मास्टर डेविड द्वारा आदर्श प्रश्न पत्र निर्माण के विषय में सुझाव दिए गए साथ ही साथ कंप्यूटर शिक्षा शिक्षक गौरव सहगल द्वारा शिक्षण में तकनीकी प्रयोग के विषय में जानकारी दी गई। इस दौरान सभी अध्यापकगण उत्साहित नज़र आये। पूछने पर विद्यालय की प्रधानाचार्या मिनी त्रिपाठी ने बताया कि 21वीं सदी में छात्र जिज्ञासु होने के साथ-साथ विभिन्न तकनीकी उपकरणों से घिरा होता है। वह अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए अक्सर इनका प्रयोग करता है। जिसके कारण उसकी प्रवृत्ति चंचल हो जाती है।
ऐसे छात्रों को कक्षा में एकाग्र रखना अध्यापकों के लिए चुनौतीपूर्ण कार्य होता है। ऐसे छात्रों को कक्षा में एकाग्र रखने हेतु शिक्षण का रूचिपूर्ण होना आवश्यक है। जिसके लिए अध्यापकों को समय-समय पर अपनी शिक्षण तकनीकों में बदलाव व सुधार करना ज़रूरी है। इसलिए विद्यालयों में इस प्रकार की प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन समय-समय पर होना चाहिये। इस अवसर पर प्रधानाचार्या मिनी त्रिपाठी के अतिरिक्त विद्यालय के समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।