20 मिनट में करना होगा कुंभ स्नान, भजन व भंडारे पर रहेगा प्रतिबंध
कुंभ मेला की जारी एसओपी में घाटों पर स्नान की व्यवस्था स्पष्ट की गई है। 20 मिनट के तुरंत बाद तीर्थयात्रियों की निकासी को पर्याप्त संख्या कर्मचारी रखने होंगे। ताकि तीर्थयात्रियों को अगला जत्था समय पर स्नान कर सके। कुंभ मेले के दौरान स्नान घाटों पर किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने को मौके पर तैराक, गोताखोर तैनात रहेंगे। पवित्र स्नानों के दौरान घाटों पर सुरक्षा और सामाजिक दूरी के मानक का पालन करना होगा। इसके साथ मौके पर ट्रेंड स्वयं सेवक, पुलिस बल और कर्मचारियों की टीमें तैनात रहेंगी।
हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान स्नान को अधिकतम 20 मिनट का समय मिलेगा। इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराने को, कुंभ मेला प्रशासन को पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात रखने होंगे। किसी भी स्थिति से निपटने को घाटों पर तैराक भी तैनात रखने होंगे।
मेला प्रशासन की ओर से जिला प्रशासन के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान को स्नान घाटों पर गतिविधियों को प्रबंधन तंत्र विकसित किया जाए। इसके उल्लंघन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 महामारी रोग अधिनियम 1897 और आईपीसी की सुसंगत धाराओं में कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
एसओपी में 65 वर्ष से अधिक उम्र वालों, गर्भवती महिलाओं, दस वर्ष से छोटे बच्चों को स्नान, घाट क्षेत्र में प्रवेश को हतोत्साहित किया जाएगा।
कुंभ मेले के दौरान पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन, गायन और भंडारे के आयोजन पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा।
– मास्क, दस्ताने के निस्तारण को स्नान घाट पर डस्टबिन रखे जाएंगे। सख्ती के साथ डस्टबिन का इस्तेमाल सुनिश्चित कराना होगा।
– बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की व्यवस्था करनी होगी।
– पुलिस, एसडीआरएफ समेत अन्य एजेंसियों को स्नान घाट में संचार तंत्र स्थापित करना होगा। जिसके जरिए घाटों पर तैनात तैराकों के बीच समन्वय बनाया जा सके।
– घाट पर सभी कर्मचारी पीपीई किट से लैस होंगे। सभी सुरक्षा उपायों का पालन करेंगे।