कुंभ श्रद्धालुओं को पहली बार मिलेगा मौका, शाही स्नान के बाद गंगा नदी में लगा सकेंगे डुबकी

कुंभ श्रद्धालुओं को पहली बार मिलेगा मौका, शाही स्नान के बाद गंगा नदी में लगा सकेंगे डुबकी

शाम पांच बजे तक महानिर्वाणि और अटल अखाड़े के संत हरकी पैड़ी से स्नान कर वापस लौटने शुरू हो जाएंगे। 5 बजे के बाद श्रद्धालुओं को हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड आने दिया जाएगा। जबकि इस दिन सुबह से शाम तक ब्रह्कुंड में सन्यासियों संतों का कब्ज ही रहेगा। सभी अखाड़ों को 30-30 मिनट का समय दिया गया है। जूना अखाड़े के साथ अग्नि और आह्वान अखाड़ा, निरंजनी के साथ आनंद और महानिवार्णी के साथ अटल अखाड़ा स्नान करेगा। शाही स्नान के दिन किसी भी श्रद्धालुओं को हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड में जाने की इजाजत नहीं होती है। लेकिन इस बार संतों का स्नान समाप्त होते ही आम श्रद्धालु के लिए ब्रह्कुंड खोल दिया जाएगा।

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में 11 मार्च को होने वाले कुंभ के पहले शाही स्नान पर इस बार श्रद्धालुओं को पवित्र ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर स्नान करने का मौका मिलेगा। शाम 5 बजे के संतों के हरकी पैड़ी से जाने के बाद श्रद्धालुओं को ब्रह्मकुंड में शाही स्नान करने दिया जाएगा। जबकि पिछले सालों में ऐसा नहीं होता था। शाही स्नान के लिए संतों के पहले ही स्नान क्रम तय हो चुके है। उसी क्रम के अनुसार शाही स्नान होगा। पहले जूना अखाड़ा शाही स्नान के दिन 11 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेगा। बाद श्री निरंजनी 1 बजे और 4 बजे महानिर्वाणी अखाड़े के संत पहुंचेंगे।

हरिद्वार आने वाले हर श्रद्धालु की पहली इच्छा यही रहती है कि वह ब्रह्मकुंड हरकी पैड़ी पर स्नान करें और मां गंगा का ध्यान करें। शाही स्नान पर पुण्य का फल दोगोना हो जाता है। ऐसे में शाही स्नान के दिन अधिक लोग हरकी पैड़ी पर स्नान करने के लिए व्याकुल रहते थे। इस बार संतों का स्नानक्रम सही समय पर समाप्त हो गया तो आम श्रद्धालु हरकी पैड़ी पर स्नान कर सकेंगे।

पिछले कुंभ वर्ष 2010 के मेले में शाही स्नान के दिन कुछ स्थानीय लोगों ने जरूर स्नान किया था। लेकिन आम श्रद्धालु उस वक्त भी ब्रह्मकुंड तक नहीं पहुंच पाये थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *