उत्तराखंड में छात्रों के लिए डिजी लॉकर की सुविधा देने वाला कुमाऊं पहला विवि
इसके अलावा इस व्यवस्था से यह भी लाभ मिलेगा कि यदि छात्र इंटरव्यू देने जा रहे हैं तो वह संबंधित को एक लिंक दे सकते हैं, जिससे उनके समस्त दस्तावेजों की जांच आसानी से हो जाएगी। स्पष्ट रूप से यह कहा जा सकता है कि अब छात्र-छात्राओं को अपने साथ फोल्डर में ओरिजिनल सर्टिफिकेट ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वर्तमान में उत्तराखंड में कुमाऊं विवि छात्रों के लिए डिजी लॉकर की सुविधा शुरू करने वाला पहला विवि बन गया है। हालांकि देश के अन्य राज्यों के नामचीन विश्वविद्यालयों में यह सुविधा दी जा रही है।
कुमाऊं विवि की ओर से छात्रों के लिए डिजी लॉकर की सुविधा शुरू कर दी गई है। विवि प्रशासन की ओर से पहले चरण में डिजी लॉकर पर वर्ष 2019-20 में उत्तीर्ण अधिकांश छात्र-छात्राओं के प्रमाणपत्र अपलोड कर दिए गए हैं। जबकि शेष छात्रों का ब्योरा जल्द ही अपलोड कर दिया जाएगा। ऐसे में विवि से जुड़े लगभग डेढ़ लाख छात्रों को यह सुविधा मिलने जा रही है। इस व्यवस्था को शुरू किए जाने के बाद कुमाऊं विवि प्रदेश में डिजी लॉकर शुरू करने वाला पहला विश्वविद्यालय बन गया है। डिजिटल इंडिया के वर्तमान बदलते दौर में डिजी लॉकर की सुविधा आवश्यक है। विवि से जुड़े विभिन्न प्रमाणपत्रों के अलावा इंटरनेट आधारित इस सेवा के जरिए छात्र जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाणपत्र समेत अन्य अहम दस्तावेजों को ऑनलाइन सुरक्षित रख सकते हैं।