सियोल। उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने एक बार फिर ‘‘नये हथियार’’ के परीक्षण की निगरानी की। इससे प्योंगयांग में अमेरिका के दूत की अगले सप्ताह दक्षिण कोरिया की यात्रा के मद्देनजर परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रयास जटिल हो गए हैं। सरकारी मीडिया ने शनिवार को यह जानकारी दी। अमेरिका-दक्षिण कोरिया के वार्षिक सैन्य अभ्यासों के विरोध में हाल के सप्ताहों में उत्तर कोरिया का शुक्रवार को किया गया यह छठा परीक्षण है। प्योंगयांग इन अभ्यासों को हमले के पूर्वाभ्यास के तौर पर देखता है।
सियोल में रक्षा अधिकारियों ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि प्योंगयांग ने शुक्रवार को कम दूरी की दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं जिन्होंने कोरियाई प्रायद्वीप और जापान के बीच सागर में गिरने से पहले 230 किलोमीटर तक की दूरी तय की। आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी की एक खबर के मुताबिक, परीक्षण के ‘‘सही परिणाम’’ रहे जिससे ‘‘इस हथियार प्रणाली में बड़ा विश्वास कायम’’ करने में मदद मिली।
केसीएनए की रिपोर्ट तब आयी है जब इससे पहले प्योंगयांग ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइ-इन को अमेरिका के साथ सैन्य अभ्यास जारी रखते हुए अंतर कोरियाई वार्ता बहाल करने की उम्मीद करने वाला ‘‘निर्लज्ज’’ व्यक्ति बताया। उत्तर कोरिया और अमेरिका के नेताओं के बीच जून में अचानक हुई मुलाकात के बाद से दोनों देशों के बीच कामकाजी स्तर की वार्ता बहाल करने की योजनाएं बाधित होती प्रतीत हो रही हैं। हालांकि, प्योंगयांग के परीक्षणों को नजरअंदाज कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह कहा था कि उन्हें किम से ‘‘बहुत खूबसूरत ख़त’’ मिला।