कश्मीर घाटी में जबरन बंद लागू कराने और सुरक्षाबलों पर पेट्रोल बम हमलों को अंजाम दे रहे आतंकियों के समर्थक अब छोटे बच्चों को अपना मुखबिर बनाकर उन्हें तबाही के रास्ते पर धकेल रहे हैं। आतंकियों की इस घिनौनी साजिश का खुलासा ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के डाउन-टाउन में सुरक्षाबलों पर पेट्रोल बम हमले की विभिन्न वारदातों में लिप्त पांच संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी से हुआ है। पुलिस ने पांचों से पूछताछ के बाद तीसरी कक्षा के एक बच्चे को भी पकड़ा। बच्चे को काउंसलिंग देने के बाद उसे उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के लागू होने के बाद से ही घाटी के विभिन्न हिस्सों में आतंकी व अलगाववादी समर्थक जबरन बंद लागू करा रहे हैं। डाउन-टाउन में भी आतंकियों व अलगाववादियों का एक पांच सदस्यीय माड्यूल अगस्त माह से सक्रिय था, जो दुकानदारों और वाहन चालकों के साथ मारपीट कर बंद को जबरन लागू करा रहा था। यह माड्यूल कई जगह आम लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए सड़कों पर विभिन्न प्रकार के अवरोधक भी लगाता था और लोगों को डराते धमाकते हुए उनकी तलाशी भी लेता था।
प्रवक्ता ने बताया कि इसी माड्यूल ने सराफकदल, बोहरीकदल, बाग-ए-अली मरदान, राजौरीकदल, खनयार और नौहट्टा समेत डाउन-टाउन के विभिन्न इलाकों में पत्थरबाजी की कई घटनाओं को सूत्रपात किया और सुरक्षाबलों पर पेट्रोल बमों से हमला किया। इस माड्यूल ने तीसरी कक्षा के एक बच्चे को अपना मुखबिर बना रखा था। यह बच्चा डाउन-टाउन के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षाबलों की मौजूदगी और उनकी आवाजाही की जानकारी जमा कर इस माड्यूल को देता था। उसके बाद यह माड्यूल सुरक्षाबलों पर पेट्रोल बम के हमले अंजाम देते थे।
पुलिस प्रवक्ता ने पकड़े गए माड्यूल में शामिल पांच संदिग्ध आतंकियों की पहचान को गुप्त रखते हुए कहा कि अभी मामले की जांच चल रही है। पहचान उजागर करने से जांच प्रभावित हो सकती है। इस माड्यूल के साथ कुछ और लोग भी जुड़े हुए हैं। उन सभी को पकड़ने के लिए और घाटी में जबरन बंद लागू कराने की साजिश को पूरी तरह बेनकाब करने के लिए इनसे लगातार पूछताछ हो रही है।