उत्तराखंड में मनरेगा के तहत अब जाब कार्ड धारकों को 150 दिन का काम मिलेगा
भविष्य में सुधार के लिए अफसर एक-दूसरे से अपने अनुभव भी साझा करें। बेहतर बात यह है कि मनरेगा के तहत समय पर भुगतान एवं जॉब कार्ड सत्यापन में उत्तराखंड की राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी रैंकिंग है। इस दौरान सीएम ने उत्तराखंड आजीविका एप्प भी लांच किया। बैठक में पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डा. एसएस नेगी, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, अपर सचिव वंदना, उदयराज, राज्य नोडल अधिकारी मोहम्मद असलम आदि मौजूद रहे।
उत्तराखंड में मनरेगा के तहत अब जाब कार्ड धारकों को 150 दिन का काम मिलेगा। अतिरिक्त दिनों के काम के लिए राज्य सरकार बजट उपलब्ध कराएगी। वहीं, जिलास्तर पर प्रत्येक 15 दिन के भीतर मनरेगा के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। सोमवार को सचिवालय में राज्य रोजगार गारंटी परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने यह निर्देश दिए। अभी मनरेगा में 100 दिन तक ही कार्य देने का प्रावधान है। प्रत्येक दिन के हिसाब से कार्डधारकों को 201 रुपये मेहताना मिलता है। सीएम ने कहा कि कुछ जिलों में अच्छा कार्य हुआ है।
सीएम त्रिवेंद्र ने अफसरों को जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए सुनियोजित तरीके से कार्य करने के निर्देश। जिन नदियों के पुनर्जनन के लिए कार्य किए जा रहे हैं, उनकी जीआईएस मैपिंग जरूरी है। उन्होंने पिथौरागढ़ में फिशरीज और पौड़ी में पौषण वाटिका के तहत अच्छा काम करने पर सराहा।
सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि राज्य व जिला योजना में ऐसे कार्य जो आसानी से किए जा सकते हैं, उन्हें मनरेगा के तहत कराया जाए। इससे राज्य एवं जिला योजना के कार्यों में तेजी आएगी।