चमोली। एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) के माध्यम से जिला कारागार पुरसाडी में सजा काट रहे कैदियों को पेपर बैग, लिफाफा, फाइल मेकिंग आदि सामग्री तैयार करने का 20 दिवसीय प्रशिक्षण बुधवार को शुरू हो गया। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने जिला कारागार पुरसाडी में बंद कैदियों को दिए जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर शुभांरभ किया। आरसेटी प्रशिक्षकों के माध्यम से 30 कैदियों को 28 अगस्त से 16 सितंबर तक विभिन्न सामग्री तैयार करने हेतु प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जिलाधिकारी ने जिला कारागार में सजा काट रहे कैदियों को जीवन में अच्छे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि जेल में सजा काट रहे कैदी भी समाज के महत्वपूर्ण अंग है। कहा कि हमारा प्रयास है कि जेल से रिहा होने के बाद हर कैदी स्वरोजगार से जुडकर अपने जीवन की एक नई दिशा व नई सोच के साथ शुरूवात करें। इसके लिए आरसेटी के माध्यम से कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने सभी कैदियों से दिए जा रहे प्रशिक्षण को मन लगाकर पूरा करने की बात कही। ताकि जेल से रिहा होने पर वे कुछ न कुछ सीख कर अपने नए जीवन की शुरूवात कर सके। उन्होंने करागार में कैदियों द्वारा निर्मित पेपर बैग, लिफाफा, फाइल सामग्री के विपणन हेतु व्यापार संघ से भी वार्ता करने को कहा।
जिलाधिकारी ने कैदियों से वार्तालाप कर उनकी जरूरतों एवं पिछले बैकग्रांउड के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जीवन में कुछ न कुछ चीज इंसान को प्रेरित करती है इसलिए अपने मोटिवेशन को जिन्दा रखे और किसी भी तरह से हताश न हो। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही जेल में कैदियों के लिए कैरम, बाॅलीबाल, वैटमिंटन, चैस आदि खेल सामग्री उपलब्ध कराया जाएगा। कहा कि जो कैदी कम्प्यूटर प्रशिक्षण लेना चाहते है उसको प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कैदियों से कहा कि जेल से रिहा होने के बाद जब वे अपने घर लौटे तो वे रोजगार के लिए जिला उद्योग केन्द्र एवं बैंकों से ऋण सुविधा का लाभ भी ले सकते है। इस अवसर जिलाधिकारी ने कैदियों में फल भी बांटे और प्रशिक्षण के लिए शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी/अधीक्षक जिला कारागार एमएस बर्निया, जीएमडीआईसी डा0 एमएस सजवाण, आरसेटी निदेशक अखिलेश कुमार, मास्टर ट्रेनर सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य सुरेश वर्मा, प्रशिक्षक देवेन्द्र सिंह राणा, जिला कारागार के कार्मिक आदि उपस्थित थे।