लखनऊ। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा रहे चौधरी चरण सिंह को शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। नई दिल्ली में हुए कार्यक्रम में चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी ने ये सम्मान ग्रहण किया।
रालोद प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से (मरणोपरांत) सम्मानित करने पर उनके पोते जयंत चौधरी ने कहा कि मेरे पास शब्द नहीं है। बहुत अच्छा लगा। मेरे परिवार के कई परिजन यहां तक पहुंच पाए, कई नहीं पहुंच पाए, सभी बहुत खुश हैं। जयंत चौधरी ने कहा कि पूरे देश के किसानों के पास ये बात पहुंची है कि भारत सरकार ने उनके हित में निर्णय लिया है।
एक्स पर शेयर की तस्वीर
जयंत चौधरी ने सोशल मीडिया पर भारत रत्न की तस्वीरें साझा की।
किसानों के मसीहा थे चरण सिंह
जातिवाद के विरोधी चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति में उन नेताओं में शुमार थे, जिन्होंने बागपत की धरती को कर्मस्थली बनाकर न कभी हार नहीं मानी और न सिद्धांतों के विपरीत समझौता किया। चौधरी साहब ने किसानों के कर्ज माफी बिल पास कराया। जमींदारी उन्मूलन, भूमि सुधार अधिनियम लागू करने, किसानों को पटवारी राज से मुक्ति दिलाने, चकबंदी अधिनियम पारित कराने, फसल उपज बढ़ाने को मिट्टी परीक्षण, कृषि को आयकर से बाहर रखने, नहर पटरियों पर चलने पर जुर्माना लगाने के ब्रिटिश काल कानून खत्म कराने जोत-बही दिलाने, कृषि उपज पर अंतरराज्यीय आवाजाही पर लगी रोक हटाने जैसे बेमिसाल काम किए थे।
झोपड़ी में हुआ था पूर्व प्रधानमंत्री का जन्म
पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को हापुड़ के नूरपुर गांव में छप्पर के घर यानी झोपड़ी में हुआ था। पिता चौ. मीर सिंह साधारण किसान थे। बचपन में पिता के साथ जानीखुर्द के भूपगढ़ी गांव में आए। जानीखुर्द से प्राथमिक शिक्षा व 1926 में कानून की डिग्री प्राप्त की।