सियोल। उत्तर कोरिया ने बृहस्पतिवार को समुद्र में छोटी दूरी की दो मिसाइलें दागीं। उसके इस कदम से अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता बहाल करने के प्रयासों को धक्का लगा है और यह अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच नियोजित संयुक्त सैन्य अभ्यासों को लेकर उसके आक्रोश का संकेत भी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच पिछले महीने अचानक हुई बैठक के बाद यह उत्तर कोरिया का पहला मिसाइल परीक्षण है। किम और ट्रंप असैन्यीकृत क्षेत्र में 30 जून को हुई बैठक में वार्ता फिर से शुरू करने पर सहमत हो गए थे।
इस बैठक के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा था कि कार्यकारी स्तर की वार्ता संभवत: जुलाई मध्य में शुरू होगी। उत्तर कोरिया ने आगाह किया था कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले युद्ध अभ्यासों से वाशिंगटन और प्योंगयांग के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण की वार्ता बहाल होने की योजना प्रभावित हो सकती है। दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर कोरिया ने पौ फटने के तुरंत बाद दो मिसाइलें दागीं और उन्होंने पूर्वी सागर में गिरने से पहले करीब 430 किलोमीटर की दूरी तक उड़ान भरी। पूर्वी सागर को जापान सागर के नाम से भी जाना जाता है।
अधिकारी ने कहा कि हमारी सेना अतिरिक्त प्रक्षेपणों के मामले में स्थिति पर करीबी नजर रख रही है और पूरी तरह से तत्पर है। दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता चोई ह्यून-सू ने कहा, ‘‘हम उत्तर कोरिया से उन कदमों को रोकने का अनुरोध करते हैं जिनसे सैन्य तनाव कम करने में मदद नहीं मिलेगी। जापान के रक्षा मंत्री ने प्योंगयांग के इस कदम को ‘‘अत्यधिक खेदजनक’’ बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि ये मिसाइलें उनके क्षेत्र में नहीं गिरीं। उत्तर कोरिया ने आखिरी बार नौ मई को छोटी दूरी की मिसाइलें दागी थीं जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘‘काफी साधारण-सी मिसाइलें’’ बताया था। उन्होंने कहा था कि इससे उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ उनके रिश्ते प्रभावित नहीं होंगे।