नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर से धारा 370 के कुछ प्रवधानों को समाप्त किए जाने के बाद कश्मीर पूर्णता भारत का अभिन्न अंग बन गया तो वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाक सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को इससे बड़ा फायदा हुआ है। इमरान खान की सरकार ने कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल अगले 3 साल के लिए बढ़ा दिया है। यह उस समय हुआ जब इमरान खान सरकार बैकफुट पर नजर आ रही थी और जनरल बाजवा का कार्यकाल समाप्त होने वाला था।
इमरान खान के दफ्तर ने खबर दी कि देश में अमन और शांति को लेकर कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल बढ़ाया गया है। यह आदेश उनके मौजूदा कार्यकाल के समाप्त हो जाने के बाद लागू प्रभाव में आएगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि पाकिस्तान में बेरोजगारी, भुखमरी या फिर मंदी हो इन तमाम मुद्दों को लेकर विपक्ष लगातार इमरान खान के खिलाफ खड़ा हुआ दिखाई दे रहा था। लगभग हर एक मोर्चे में फेल हुई इमरान खान सरकार किसी भी पल गिर सकती थी लेकिन फिर हिन्दुस्तान के गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें उठने का मौका दे दिया।
जम्मू कश्मीर को दो भागों में बांटने के बाद अब मोदी सरकार ने वहां के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है। एक तरफ घाटी की स्थिति को सामान्य करने में जुट गए तो दूसरी तरफ पाकिस्तान की नापाक हरकतों का जवाब दिया जा रहा है। इमरान खान की ही तरह अगर पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा की बात की जाए तो उनका कार्यकाल पूरा हो गया था और वह रिटायर होने वाले थे। ऐसे में जम्मू कश्मीर मुद्दा दोनों लोगों के लिए फायदेमंद साबित हुआ।
कश्मीर मुद्दों के जानकार माने जाने वाले कमर जावेद बाजवा की नियुक्ति पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मुहर लगाई थी। दरअसल जनरल बाजवा 29 नवंबर 2016 को सेवानिवृत्त हुए जनरल राहिल शरीफ की जगह आर्मी चीफ बने थे। इतना ही नहीं उन्हें इसलिए भी आर्मी चीफ बनाया गया था क्योंकि उन्हें भारतीय सीमा के लगे हुए लाइन ऑफ कंट्रोल का भी अच्छा खासा अनुभव है। बाजवा की नियुक्ति के बाद कई सुरक्षा सलाहकारों ने पाकिस्तान मीडिया में यह बात कबूली थी कि उन्हें यह मौका सिर्फ और सिर्फ सीमारेखा के अनुभव की वजह से मिला है। 1982 में पाकिस्तानी सेना की सिंध रेजिमेंट में कमीशन होकर पहुंचे कमर जावेद बाजवा को साल 2011 में हिलाल-ए-इम्तियाज से नवाजा जा चुका है।