गुरुग्राम। हरियाणा के गुरुग्राम में सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़ने को लेकर उपजा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले पर सोमावार को प्रदेश सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा कि, कभी-कभार अगर किसी को खुले में (नमाज) पढ़नी पड़ जाती है तो धर्म की आजादी है, लेकिन किसी जगह को कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ना गलत है। उसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है। नमाज को लेकर उपजे विवाद को तूल न देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया कि नमाज मस्जिद, ईदगाह या निजी स्थान पर ही अदा किया जाना चाहिए।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि सरकार किसी को सार्वजनिक स्थान पर नमाज अदा करने से नहीं रोक रही, लेकिन इससे बचना ही उचित होगा। यदि किसी को किसी भी प्रकार की आपत्ति है तो प्रशासन व पुलिस को अवगत करा सकता है।
बता दें कि, बीते शुक्रवार को भी गुरुग्राम में हिंदूवादी संगठनों के कुछ लोगों की ओर से कई इलाकों में नमाज में बाधा पहुंचाए जाने की बात सामने आई थी। शहर के कई इलाकों में भीड़ की ओर से ‘जय श्री राम’ और ‘बांग्लादेशी वापस जाओ’ जैसे लगाए जाने और नमाज में बाधा पैदा करने के चलते तनाव का माहौल बन गया था। हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन भी हुए थे। विरोध करने वाले लोगों को कहना था कि जिन 6 युवाओं के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं। शुक्रवार (20 अप्रैल) को दोपहर के वक्त मुस्लिम समुदाय के करीब 200 लोग पारस हॉस्पिटल के सामने खाली मैदान में नमाज पढ़ रहे थे।
इसी दौरान युवकों का एक समूह वहां पहुंचा और जय श्रीराम के नारे लगाते हुए नमाज पढ़ रहे लोगों को हटाने लगा। युवकों का कहना था कि जमीन नमाज पढ़ने के लिए तय नहीं है, बेवजह यहां कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद नमाज पढ़ने वाले उठकर चले गए।