मुम्बई। निर्देशक सुजॉय घोष का कहना है कि लघु फिल्में बनाने का प्रचलन लंबे समय से फिल्म जगत में है लेकिन इसे मुख्य धारा में लाने के कोई प्रयास नहीं किए गए। ‘क्रिटिक्स च्वाइस शॉर्ट फिल्म अवॉर्ड’ (सीसीएसएफए) के जरिए लघु फिल्मों के लिए काम करने वाले लोगों की प्रतिभा को सम्मानित करने के लिए निर्देशक श्रीराम राघवन और फिल्म समीक्षक अनुपमा चोपड़ा और राजीव मसंद के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
घोष ने कहा, ‘‘लघु फिल्में मुख्यधारा में नहीं है क्योंकि हम अब भी इस पर काम कर रहे हैं कि उन्हें कैसे कमर्शियल किया जाए, लेकिन इसके बावजूद भी यह उन लोगों के लिए एक बड़ा मंच है जो फिल्म निर्माण सीखना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रारूप की फिल्में बनाना बेहद चुनौतीपूर्ण है। यह एक नया प्रारूप है जहां आपको सब शून्य से सीखना पड़ता है, चाहे वह पटकथा हो, अभिनय हो या छायांकन।’’