उत्तराखंड में कोविड मरीजों की देखभाल को होगी विकेंद्रीकृत व्यवस्था, चरणों में अपनाई जाएगी प्रक्रिया
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि कोविड केयर सेंटर की विकेंद्रीकृत व्यवस्था शहरी के साथ ही ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी लागू की जाएगी। इसके लिए विभिन्न चरणों में प्रक्रिया अपनाई जाएगी। हर ब्लाक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, किसी सरकारी भवन अथवा होटल में कोविड केयर सेंटर बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों में भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। इनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनके लिए नए अस्थायी अस्पतालों में आक्सीजन व आइसीयू बेड आरक्षित किए जाएंगे।
उत्तराखंड सरकार अब कोरोना के इलाज व देखभाल को विकेंद्रीकृत व्यवस्था करने जा रही है। इसके तहत प्रदेश के हर ब्लाक में कोविड केयर सेंटर और कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। गांव-गांव में कोरोना की जांच को मोबाइल टेस्टिंग लैब भी चलाने की तैयारी है। इसके साथ ही सरकार बच्चों में संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए हल्द्वानी और ऋषिकेश में बन रहे अस्थायी कोविड अस्पतालों में 25 आक्सीजन और 25 आइसीयू बेड बच्चों के लिए आरक्षित रखेगी।
सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि प्रदेश में आक्सीजन बेड, आइसीयू और वेंटिलेटर बेड बढ़ाए गए हैं। प्रदेश में आक्सीजन प्रबंधन काफी अच्छा है। प्रदेश में अभी तक 180 मीट्रिक टन आक्सीजन लेकर दो ट्रेन आ चुकी हैं। देर शाम तक 80 मीट्रिक टन आक्सीजन और मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों को कहा गया है कि वे प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों और मृतकों का डाटा अपलोड करें। इस मामले में सख्ती भी की जा रही है। सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि कि प्रदेश में अभी रेमडेसिविर की कमी नहीं है।
प्रदेश को पहले 74 हजार रेमडेसिविर का कोटा निर्धारित था। इसमें से 54 हजार ले ली गई हैं। 16 हजार के लिए आर्डर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी अस्पतालों व मेडिकल स्टोर में पर्याप्त मात्रा में रेमडेसिविर उपलब्ध है। आइजी अमित सिन्हा ने बताया कि अब तक दवाओं की कालाबाजारी और अधिक शुल्क वसूलने की शिकायत पर 1839 स्थानों पर दबिश दी गई है, जिनमें 27 एफआइआर दर्ज हुई हैं। 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मास्क न पहनने पर 1.19 लाख व्यक्तियों पर कार्रवाई की गई है।