रूड़की। आज आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सुबह नौ बजकर 15 मिनट पर वायुसेना के विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। यहां वह कुछ रुके और रुड़की के लिए प्रस्थान किया। जौलीग्रांट एयरपोर्ट यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य समेत तमाम लोगों ने उनकी अगवानी की। इस दौरान एयरपोर्ट पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था बनाई गई थी। राष्ट्रपति सुबह 10 बजे रुड़की पहुंचे। यहां से वह साढ़े 10 बजे आईआईटी के दीक्षांत समारोह में पहुंचे। यहां उन्होंने आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आईआईटी अपनी गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं। भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में नई ऊचाईयों को छुआ है। चंद्रयान-2 का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने दिखा दिया कि हम किसी से कम नहीं हैं।
कहा कि जितने भी साउंस एंड टेक्नोलॉजी के संस्थान हैं वहां छात्राओं की संख्या कम है। उन्होंने इस पर चिंता जताई। कहा कि पूरे देश के कर दाताओं का आईआईटी जैसे संस्थानों के सुविधा देने में बड़ा दायित्व है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि यहां से पास आउट होने के बाद वह भी अपना दायित्व निभाएं। आईआईटी के निदेशक से कहा कि वह संस्थान और देश के लाभ के लिए पूर्व छात्रों का सहयोग लें। राष्ट्रपति ने कुछ दिन पहले आईआईटी रुड़की और इसरो के बीच साइन हुए एमओयू की प्रशंसा भी की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि चंद्रयान-2 की लांचिंग के समय वह इसरो गए थे। उस दौरान वहां दो महिला वैज्ञानिक मौजूद थीं। उनमें से एक महिला का बच्चा छह माह का था, जिसे परिजनों के पास छोड़ वह दो माह से इसरो में रह रही थीं। राष्ट्रपति ने देश सेवा के लिए उनके जज्बे को सलाम किया। कहा कि देश की ऐसा महिलाएं सम्मान के योग्य हैं।
आईआईटी रुड़की जैसे संस्थान शिक्षा के केंद्र मात्र नहीं हैं। ये नवाचार और रचनात्मक विचारों के हब भी हैं। शोध, नवाचार और रचनात्मक विचारों से ही राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ ही मानवता की भलाई की जा सकती है। हमें नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए। प्रसन्नता है कि आईआईटी रुड़की ऐसा कर रही है। यहां स्थित टीआईडीईएस बिजनेस इन्क्यूबेटर, नई तकनीक पर आधारित स्टार्ट अप और नई कम्पनियों को सहायता प्रदान कर रहा है। कैम्पस में छात्रों को अकादमिक संस्थाओं व निर्णय लेने की प्रक्रिया में भागीदार बनाकर रचनात्मक चिंतन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान में वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थाओं में छात्राओं का अनुपात अपेक्षाकृत कम है। उच्च स्तरीय तकनीकी संस्थाओं में छात्राओं की संख्या बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे। जब ऐसा होगा तो हमारी विज्ञान संबंधी उपलब्धियां अधिक वांछनीय और हितकारी हो सकेंगी। राष्ट्रपति ने कहा कि जून 2018 में राज्यपाल सम्मेलन में उन्होंने सुझाव दिया था कि विश्वविद्यालय ‘यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी’ को अपनाएं। खुशी है कि आईआईटी रुड़की के छात्रों ने सामुदायिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी निभाई है। उत्तराखंड में उन्होंने पांच गांव चिन्हित किए हैं और इन गांवों की जल प्रबंधन, स्वच्छता, दक्षता विकास आदि समस्याओं का समाधान करने के लिए ग्रामीणों के साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा स्वच्छता ही सेवा के तहत हरिद्वार व रुड़की में गंगा घाट पर गंगा स्वच्छता अभियान में प्रतिभागिता की है। इस तरह की पहल कर आईआईटी रुड़की के छात्रों ने ‘यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी’ को कार्यरूप दिया है।