एम्बुलेंस नहीं आई तो प्राइवेट गाड़ी से फ्री में पहुंचेंगे अस्पताल
राज्य में एम्बुलेंस सेवा को व्यवस्थित करने के लिए सरकार यह कदम उठाने जा रही है। मंगलवार को सुभाष रोड स्थित एक होटल में आयोजित स्वास्थ्य संवाद कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने यह ऐलान किया।
उत्तराखंड में यदि किसी मरीज को कॉल के बावजूद 108 सेवा की एम्बुलेंस नहीं मिलती तो उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए प्राइवेट वाहन से निशुल्क अस्पताल पहुंचने की सुविधा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से इसके लिए योजना तैयार कर ली गई है। मंत्री ने कहा कि राज्य में बड़े स्तर पर एम्बुलेंस ड्राइवरों के फोन न उठाने या समय पर मरीज को एम्बुलेंस न मिलने की शिकायत मिलती है। इन सभी दिक्कतों को दूर करने के लिए 108 सेवा में टू टियर व्यवस्था लागू की जा रही है। इसके तहत मरीज को यदि 108 पर फोन कर एम्बुलेंस नहीं मिलती तो मरीज गांव के ही किसी प्राइवेट वाहन को हायर कर सकते हैं। इसके लिए कॉल सेंटर से ही निजी वाहन को बुक करने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि निजी वाहन को मरीज को अस्पताल छोड़ने के बदले सरकार पैसे उपलब्ध कराएगी।
राज्य में साढ़े चार साल बाद एक बार फिर खुशियों की सवारी सेवा शुरू हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि खुशियों की सवारी अब केवल जच्चा बच्चा को अस्पताल से घर ले जाने तक सीमित नहीं रहेगी। बल्कि खुशियों की सवारी के तहत अब गर्भवती महिलाओं को अस्पताल आने की भी सुविधा मिलेगी। साथ प्रसव काल के दौरान किसी भी जांच या इलाज के लिए अस्पताल आने पर भी महिलाओं को निशुल्क यह सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सुविधा का लाभ लेने के लिए महिलाओं को 102 नम्बर पर फोन करना होगा।
सरकार राज्य के हर जिले में किडनी के मरीजों को निशुल्क डायलिसिस की सुविधा देने जा रही है। एनएचएम के तहत केंद्र सरकार ने पांच जिलों के लिए बजट की व्यवस्था की थी लेकिन सरकार अब इस योजना को सभी जिलों में लागू करने जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह योजना अक्तूबर से शुरू की जाएगी और किडनी के रोगियों को डायलिसिस के लिए आने व जाने के लिए निशुल्क आवाजाही की व्यवस्था भी की जा रही है।