कोरोना नियंत्रित हुआ तो भव्य आयोजन नहीं तो सीमित साधु-संत ही करेंगे स्नान
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक व अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज के नेतृत्व में विभिन्न अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने बुधवार शाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से भेंट की। राज्य सरकार महाकुंभ से पहले अखाड़ों को अपने संसाधन तैयार करने को एक-एक करोड़ रुपये देगी। यह राशि सरकार द्वारा गठित कमेटी की निगरानी में खर्च की जाएगी।
अखाड़ा प्रतिनिधियों ने कहा कि संतों के ठहरने,भोजन भंडार आदि का निर्माण जल्द कराया जाए। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष गिरी महाराज ने बताया कि सीएम ने सभी 13 अखाड़ों के लिए यह संसाधन जुटाने के लिए एक-एक करोड़ रुपये जल्द देने का आश्वासन दिया।
ये काम सरकार द्वारा गठित समिति की निगरानी में होंगे। समिति में अखाड़ों के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे। प्रतिनिधियों ने हरिद्वार में निर्माणाधीन सड़कें, अन्य रास्ते, पुल व फ्लाई ओवर के कामों में बरसात के बाद तेजी लाने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि बार-बार धंस रही मंसा देवी की पहाड़ी का स्थायी ट्रीटमेंट होना चाहिए। सीएम ने यह काम कुंभ से पहले कराने का आश्वासन दिया।
चर्चा में श्रद्धालुओं के लिए मुफ्त पार्किंग की व्यवस्था बनाने पर भी सहमति बनी। सीएम ने अखाड़ा प्रतिनिधियों से कहा कि उनके सामने जो भी समस्याएं आएंगे, वे उनकी जानकारी शहरी विकास मंत्री को देते रहे, ताकि सभी का समय पर निदान किया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल में आईजी संजय गुंज्याल, निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी, श्री पंचायती निर्मल अखाड़े के सचिव महंत देवेंद्र शास्त्री, उदासीन बड़ा अखाड़े के महंत प्रेमदास, उदासीन पंचायती अखाड़ा के महंत भगत राम दास, जूना अखाड़ा के बलराम भारती के साथ ही महंत अंबिका पुरी, रणधीर गिरी आदि शामिल रहे।
ईष्ट देवों के नाम पर हो घाटों का नामकरण
प्रतिनिधियों ने सभी 13 अखाड़ों के घाटों और सेक्टरों के नाम उनके ईष्ट देवों के नाम पर रखे जाने का अनुरोध किया एवं अखाड़ों से जोड़ने वाले संपर्क मार्गों से अतिक्रमण हटाने के साथ ही इनका पुनर्निर्माण पर सहमति भी बनी है। इसके साथ ही इन मार्गों पर साफ-सफाई की व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।