उत्तराखंड में हाउस टैक्स सीधे सर्किल रेट से जुड़ा

उत्तराखंड में हाउस टैक्स सीधे सर्किल रेट से जुड़ा

राज्य के नगरीय क्षेत्र के लोगों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े इसके लिए सरकार ने अगले पांच साल तक सालाना अधिकतम बढ़ोत्तरी पांच प्रतिशत तक सीमित रखी है। इसके साथ ही पूंजीगत मूल्य आधारित संपत्ति कर का निर्धारण हर वर्ष में एकबार किया जाएगा। एक अप्रैल को तय सर्किल रेट के आधार पर ही पूरे वर्ष का संपत्ति कर निर्धारित होगा। नई व्यवस्था को लेकर शासन में प्रमुख सचिव विधायी हीरा सिंह बोनाल की ओर से विधिवत अधिसूचना जारी कर दी गई है।

उत्तराखंड के नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों में हाउस टैक्स तय करने की प्रक्रिया को सीधे सर्किल रेट से जोड़ दिया गया है। इसे लेकर अध्यादेश को राजभवन ने मंजूरी दे दी है। विधायी से अध्यादेश की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। अब संपत्ति कर की दर वार्षिक मूल्य 0.01 प्रतिशत से एक प्रतिशत के बीच होगी। पूंजीगत मूल्य आधारित संपत्ति कर प्रारंभ होने के अगले पांच वर्षों में किसी भी दशा में ठीक पूर्व के वर्ष में निर्धारित कर से कम या पांच प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।  इसके बाद आने वाले वर्षों में संपत्ति कर में प्रतिवर्ष की वृद्धि की अधिकतम दर नियमावली में तय प्रावधानों के तहत तय होगी।

भवन या भूमि या दोनों जैसी भी स्थिति हो, के पूंजीगत मूल्य जो कि भवन के कवर्ड एरिया या भूमि के क्षेत्रफल या दोनों जैसी भी स्थिति हो, को सर्किल रेट से गुणा कर प्राप्त मूल्य होगा। इस कुल मूल्य पर सामान्य कर की दर वार्षिक मूल्य के 0.01 प्रतिशत से एक प्रतिशत के बीच होगी। जो अगले पांच सालों में किसी भी दशा में ठीक पिछले वर्ष के निर्धारित कर से कम या पांच प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।

शहरी विकास ने अधिसूचना जारी होने के बाद केंद्र सरकार से तय रिफॉर्म का लक्ष्य पूरा होने की सूचना केंद्र को भेज दी है। केंद्र के दिए लक्ष्य के पूरे होने पर अब राज्य को लाभ मिलेगा। वित्तीय वर्ष 2020-21 से कुल जीएसडीपी का दो प्रतिशत अतिरिक्त ऋण प्राप्त हो सकेगा।

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