धूमधाम से मनाई होली जमकर उड़े रंग और गुलाल

धूमधाम से मनाई होली जमकर उड़े रंग और गुलाल

सभी ने आपस में गले मिलकर एक-दूसरे को होली की बधाईयां व शुभकामनायें दी। इससे पहले, रविवार को गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक सुबह से ही लोगों ने होलिका की पूजा-अर्चना कर परिक्रमा की। इसके बाद शाम को प्रमुख चौराहों और कॉलोनियों में होलिका दहन की गई। शहर में कई जगहों पर होलिका दहन के कार्यक्रम आयोजित किए गए। बता दें कि होली का उत्साह भारत-चीन सीमा से सटी अग्रिम चौकियों में भी दिखा। यहां जवानों ने सामूहिक मिलन कार्यक्रमों का आयोजन कर होली गायन किया गया और एक दूसरे को बधाई दी गई। शहरवासियों ने मास्क पहनकर और कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए एकदूसरे को बधाई दी।

उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के विभिन्न शहरों में आज सोमवार को प्रेम सौहार्द व भाईचारे के साथ होली का पर्व मनाया गया। प्रदेश के विभिन्न शहरों में लोक प्रचलित परम्पराओं के अनुसार हर्षोल्लास के साथ त्योहार मनाया गया। रंगों की इन्द्रधनुषी फुहारों व अबीर-गुलाल के बीच लोगों ने एक-दूसरे को होली की बधाई दी। होली के मौके पर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रहा। कोरोना माहमारी की बीच लोगों में उत्साह की कमी नहीं हुई और उन्होंने एक-दूसरे के घरजाकर बधाई दी। लोगों ने रंग-अबीर व गुलाल लगाये, गुझिया, पापड़ सहित पारंपरिक पकवानों दावत उड़ाई। सीएम तीरथ सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं दी हैं। देहरादून के कैंट क्षेत्र में 12 गढ़वाल राइफल के जवानो संग होली कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने होली मनाई।

भारत-चीन सीमा की 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अग्रिम चौकी मिलम में माइनस 1 डिग्री तापमान में रविवार को उत्साहपूर्वक होली खेली। इस दौरान होली गायन के साथ जवानों ने एक दूसरे को त्योहार की शुभकामनाएं दीं। मिलम चौकी में आयोजित कार्यक्रम में जवानों ने कोरोना के कारण पहले दिन की होली में रंगों से तो परहेज किया लेकिन उत्साह भरपूर नजर आया। कड़ाके की ठंड में भी जवान होली को लेकर उत्साहित रहे। चीन सीमा की अग्रिम चौकी से सटे लिपूलेख, गुंजी, कालापानी, नाभी में भी जवानों में होली का उत्साह नजर आया। यहां जवानों ने पारंपरिक तरीके से होली मनाई।

कैमिकल रंगों के दुष्परिणाम
– काले रंग में मिश्रित लेड आक्साइड और सीसा पाउडर से जहां एलर्जी और त्वचा कैंसर का खतरा रहता है।
– हरे रंग में मिश्रित कॉपर साल्फेट से स्कीन के अलावा आंखों में एलर्जी की भी संभावना बनी रहती है।
– जामुनी रंग में मिश्रित क्रोमियम व ब्रोमाइड कैंसर और अस्थमा का जनक माना जाता है।
– सिल्वर और गोल्डन रंग में मिश्रित पेंट्स से एलर्जी, गर्भस्त शिशु पर दुष्प्रभाव और आंखों में एलर्जी की संभावना बनी रहती है।
क्या बरतें सावधानी
– यदि रंग आंखों में चला जाए तो ठंडे पानी के छींटे मारें, फिर गुलाब जल या आर्टिफिशियल टीयर ड्रॉप्स डाल सकते हैं।
– चश्मा पहनकर होली खेलना भी खतरनाक है। रंग खेलते समय चश्मा या लेंस के टूटने पर आंख में जाने का खतरा रहता है।
– साधारण लेंस के बजाय फाइबर लेंस का चश्मा पहनें। रंग से बचने के लिए सन ग्लास भी फाइबर लेंस का ही प्रयोग करें।
– रंग निकालने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। साबुन के ज्यादा प्रयोग से बचें। त्वचा पर एंटी सेप्टिक क्रीम लगाएं।
रहें सावधान
रंग खेलते से पहले सरसों, नारियल तेल या वैसलीन की मोटी परत लगाएं।
बालों को ढकने के लिए टोपी या स्कार्फ पहनें।
आंखों में रंग से बचाने के लिए चश्मे पहनें।
आंखों में रंग चला जाए तो तुरंत पानी से धोएं।
परेशानी बढऩे पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।
अस्पतालों में अलर्ट, मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे डॉक्टर

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