हाइवे बन्द होने के कारण रोके गए तीर्थयात्री

देहरादून। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार भूस्खलन जारी है। जिस वजह से हाईवे बन्द पड़े हैं। ताज़ा जानकारी के अनुसार लामबगड़ में चट्टान से आए भारी मलबे के कारण शुक्रवार को दूसरे दिन भी बदरीनाथ हाईवे पर यात्रा वाहनों की आवाजाही ठप रही। बदरीनाथ धाम में रोके गए 400 तीर्थयात्रियों को पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों ने लामबगड़ में पैदल आवाजाही करवाकर उनके गंतव्य को भेज दिया है।

लेकिन पैदल ही लगभग 500 तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा पर चले गए हैं। बताया जा रहा है कि लामबगड़ में हाईवे को खुलने में अभी दो दिन और लग सकते हैं। यहां अभी भी रुक-रुककर चट्टान से मलबा और बोल्डर हाईवे पर गिर रहे हैं। बुधवार रात को भारी बारिश के दौरान लामबगड़ चट्टान से भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा हाईवे पर आ गया। इससे यहां करीब 300 मीटर हाईवे भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।

गुरुवार को एनएच की दो जेसीबी मशीनों के जरिए काफी हद तक मलबा हटा लिया गया था, लेकिन शाम को फिर बारिश होने पर चट्टान से मलबा और बोल्डर फिर हाईवे पर आ गए। शुक्रवार को भी सुबह सात बजे कई बोल्डर चट्टान से छिटककर हाईवे पर आ गए। जिससे तीर्थयात्रियों की हाईवे के जल्द खुलने की उम्मीद भी काफूर हो गई।

शुक्रवार को सुबह दस बजे तक एनएच के मजदूरों ने लामबगड़ में पैदल आवाजाही के लिए रास्ता बना लिया। जिसके बाद धाम में रोके गए करीब चार सौ तीर्थयात्रियों को पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों की मदद से उनके गंतब्य को भेजा गया। जबकि लामबगड़ में पैदल चलने के बाद फिर वाहन से करीब 500 तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा पर चले गए हैं।

गोविंदघाट के पुलिस थाना प्रभारी बृज मोहन सिंह राणा ने बताया कि पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों को तीर्थयात्रियों की पैदल आवाजाही करवाई जा रही है। अभी हाईवे को खुलने में दो दिन का समय लग सकता है। लगातार मौसम खराब होने से हाईवे को खोलने में भी दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने रविवार को सुबह तक हाईवे के खुलने की उम्मीद जताई है।

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