48 दिनों का होगा हरिद्वार कुंभ मेला, मेला की विधिवत अधिसूचना जारी
कुंभ मेला स्नान आमतौर पर मकर संक्रांति से प्रारंभ हो जाते हैं। इस लिहाज के कुंभ मेला प्रारंभ होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं, लेकिन इस बार कोविड के कारण अधिकारिक मेला अवधि कम होगी। संत समाज के साथ सहमति के बाद सरकार ने मार्च- अप्रैल में पड़ने वाले स्नान को ही मुख्य कुंभ स्नान मानते हुए, मेला नोटिफिकेशन की तैयारी की है। शहरी विकास विभाग ने मेला नोटिफिकेशन का प्रस्ताव सीएम के पास भेजा है, फरवरी अंत में मेला विधिवत अधिसूचित होने की उम्मीद है।
2021 में होने जा रहे हरिद्वार कुंभ मेला इस बार मुख्य तौर पर मार्च से अप्रैल के बीच 48 दिन का ही होगा। सरकार फरवरी अंत में मेला की विधिवत अधिसूचना जारी करेगी।
कोविड के कारण ऋद्धालुओं के लंबे प्रवास के बजाय, मेले को मुख्य तौर पर स्नान तक सीमित रहेगा। जनवरी में यदि कोविड वेक्सीनेशन प्रारंभ होता है तो सरकार प्रथम चरण में कुंभ मेला में फ्रंट लाइन ड्यूटी देने वाले कार्मिकों को वैक्सीनेशन देकर, सुरक्षा चक्र तैयार कर सकती है। कुंभ मेला पर सरकार अब तक करीब 500 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। इसमें से पौने चार सौ करोड़ रुपए केंद्र सरकार से प्राप्त हो चुके हैं। सरकार ने केंद्र से अतिरिक्त बजट की मांग की है। कुंभ का पूरा बजट सात सौ करोड़ रुपए तक ही जाने की उम्मीद है।
इधर, कुंभ मेले में पुलिस फोर्स की तैनाती का काम शुरू हो गया है। हरिद्वार में इस वक्त 1073 पुलिस कर्मी और दो कंपनी पीएसी पहले ही तैनात है। अब एक जनवरी से अतिरिक्त फोर्स की रवानगी भी कुंभ के लिए होने जा रही है। इसके साथ ही केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों की भी मांग राज्य ने की है, कुंभ में कुल करीब 15 हजार पुलिस फोर्स की तैनाती की जानी है। जबकि अर्द्धकुंभ में ही 20 हजार पुलिस कर्मी तैनात किए गए थे।
कुम्भ मेला में सर्विलांस सिस्टम स्थापित करने के लिए सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने 17.34 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है। जिसमें से पहली किश्त के रूप में 6.94 करोड़ की धनराशि जारी हो गई है। इसके साथ ही मेले में एक हजार बेड के अस्थाई कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए सीएम ने 15.46 करोड़ की स्वीकृति दी है, जिसमें से 6.18 करोड़ जारी हो गए हैं। अन्य चिकित्सा सुविधाओं के लिए भी 2.93 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें से 1.17 करोड़ जारी हो गए हैं।