देहरादून। सूचना विभाग के द्वारा किये जा रहे लघु समाचार पत्रों के उत्पीड़न के विरुद्ध विभिन्न संगठनों के पत्रकारों ने एकजुट होकर सूचना निदेशालय के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया। शुक्रवार सुबह भारी संख्या में सूचना निदेशालय के गेट पर एकत्र हुए पत्रकारों ने आक्रोश जताते हुए निदेशालय के गेट पर ताला जड़ दिया। इस दौरान पत्रकारों ने सूचना विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध नारेबाजी कर अपना रोष प्रकट किया।
गौरतलब है कि सूचना विभाग के द्वारा बीते काफी समय से लघु समाचार पत्रों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार करते हुए उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। इसी के चलते विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष शहीद श्रीदेव सुमन की पुण्यतिथि पर जारी किए जाने वाला एक विज्ञापन लघु समाचार पत्रों को इस बार प्रकाशन हेतु नहीं दिया गया। जिससे लघु समाचार पत्रों से जुड़े पत्रकारों के भीतर रोष व्याप्त है।
अपने क्रोध को प्रकट करते हुए लघु समाचार पत्रों के प्रकाशकों, संपादकों एवं विभिन्न संगठनों से जुड़े पत्रकारों ने देहरादून के रिंग रोड स्थित सूचना महानिदेशालय के बाहर गुरुवार को धरना देकर सूचना विभाग की कार्य प्रणाली के विरुद्ध अपना विरोध जताया था। इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार विकास गर्ग ने कहा कि सूचना विभाग के द्वारा बीते काफी समय से लघु समाचार पत्रों के पत्रकारों के साथ उत्पीड़न कर सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। साथ ही सूचना विभाग बड़े घरानों के समाचार पत्रों को बड़े-बड़े विज्ञापन जारी कर रहा है, जबकि छोटे अखबारों का हक मारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग का यह उत्पीड़न पूर्ण रवैया कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इनके अलावा धरना स्थल पर अपने विचार प्रकट करते हुए शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि सूचना विभाग निरंतर लघु समाचार पत्रों को खत्म करने का प्रयास कर रहा है। श्री देव सुमन का विज्ञापन छोटे समाचार पत्र को ना दिया जाना इसका एक ताजा उदाहरण है। वही वरिष्ठ पत्रकार दिनेश शक्ति त्रिखा ने कहा कि अब समय आ गया है कि सभी पत्रकारों को एकजुट होकर सूचना विभाग की दमनकारी नीति के विरुद्ध आवाज बुलंद करनी होगी। तभी गहरी नींद में सोया सूचना विभाग जागेगा।
धरना स्थल पर अपने विचार प्रकट करते हुए पत्रकार सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा कि कोई समाचार पत्र छोटा या बड़ा नहीं होता आरएनआई के द्वारा सभी को एक समान कानूनी अधिकार दिए गए हैं किंतु बावजूद इसके सूचना विभाग छोटे और बड़े अखबारों का भेदभाव बनाकर चल रहा है और निरंतर लघु समाचार पत्रों के पत्रकारों का उत्पीड़न कर उन्हें दबाया जा रहा है।
धरने के दौरान पत्रकारों ने कहा कि यदि विभाग के अधिकारियों ने उनकी मांगों की ओर गौर नहीं किया तो पत्रकारों के द्वारा सूचना निदेशालय के गेट पर तालाबंदी की जाएगी व अपने हक के लिए लड़ते हुए पत्रकार बड़ा आंदोलन करने एवं जेल जाने तक को तैयार है। इस मौके पर पत्रकारों के द्वारा सूचना निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी अनिल चंदोला को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। धरने की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार नरेश मिनोचा के द्वारा की गई।
वहीं शुक्रवार को पत्रकार विकास गर्ग के आह्वान पर भारी संख्या में पत्रकार सुबह 9 बजे रिंग रोड स्थित सूचना निदेशालय के गेट पर जुटना शुरू हो गए। इस दौरान पत्रकारों ने सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और विभाग के रवैये के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। पत्रकारों ने इस दौरान सूचना निदेशालय के मुख्य द्वार पर ताला भी लगा दिया।
इस अवसर पर विभिन्न पत्रकार संगठनों से वरिष्ठ पत्रकार नरेश मिनोचा, विकास गर्ग, सुरेंद्र अग्रवाल, दिनेश शक्तित्रिखा, शिव प्रसाद सेमवाल, अनिल वर्मा, चंद्र शेखर जोशी, जीतमणि पैन्यूली, एनके गुप्ता, वीरेंद्र दत्त गैरोला, अमित सिंह नेगी, नरेश बलूनी, ललित ढोढ़ीयाल, सर्वेश प्रसाद लखेरा, मामचंद शाह, निलेश कुमार, अनिल मनोचा, रचना गर्ग, दीपक, प्रकाश कुमार, बिजेंद्र यादव, आशीष नेगी, केशव कुमार पचौरी, अनुराग गुप्ता, चंदन कैंतुरा, अनूप डोडिया, अरुण नेगी, आशीष नेगी, अवधेश नौटियाल, सोमपाल सिंह, संजीव पंत, विनय भट्ट, आलोक शर्मा, दीपक धीमान, प्रकाश कुलाश्री एवँ घनश्याम जोशी आदि भारी संख्या में पत्रकार मौजूद थे।