– उत्तराखंड सरकार महिलाओं और रोजमर्रा के कामों से जीविकोपार्जन करने वाले व्यक्तियों की सूची के अनुसार फूड पैकेट तैयार करवा रही है। बताया गया कि एक हजार फूड पैकेट रोज बांटे जाएंगे।
– दोपहर एक बजे बाद दुकानें बंद कर दी गईं। जिसके बाद राजधानी देहरादून की सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। बारिश होने के चलते बाजार दोपहर बारह बजे से ही बंद होने लगे थे।
– मसूरी में नगर पालिका प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को बहुत हल्के में लिया जा रहा है। मसूरी धनोल्टी रोड लक्ष्मण पुरी के पास नगर पालिका द्वारा संचालित कूड़े के डंपिंग स्टेशन का हाल बेहाल है। यहां पर कई टनों में कूड़ा पड़ा हुआ है जो सड़ रहा है। रोज मसूरी से एकत्रित किया हुआ कूड़ा वहा डाला जा रहा है। जिससे डपिंग स्टेशन और आसपास के क्षेत्र का पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ गंदगी और बदबू के कारण वहा से गुजरना भी मुश्किल है। कूड़ा डपिंग स्टेशन के सामने 20 मीटर की दूरी में आईडीएच बिल्डिंग है। जहां पर करीब 50 गरीब मजदूर परिवार निवास कर रहे हैं। बिल्डिंग के सामने पसरी गंदगी और बदबू से लोगो का हाल बेहाल है।
– रुद्रपुर से कल रात 2 बजे पैदल चलकर अल्मोड़ा के हवालबाग निवासी मनोज कुमार, विनोद कुमार, मुकेश, अर्जुन और ममता भीमताल पहुंचे। हल्द्वानी से बहराइच के लिए 18 मजदूर पैदल ही निकले।
– हल्द्वानी तहसील पहुंचकर मजूदर तबके की महिलाओं ने गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा दी जा रही खाद्य सामग्री अभी तक नहीं मिल पाई है ऐसे में तो हम भूखे ही मर जाएंगे। कोरोना से पहले भुखमरी मार डालेगी। हल्द्वानी एसडीएम कोर्ट में परमिशन लेने पहुंचे लोगों की भीड़ लगी है। लोगों का आरोप है कि प्रशासन द्वारा दिए गए नंबरों पर कोई कॉल नहीं उठा रहा है।
– देहरादून के जिला कोरोनेशन और गांधी अस्पताल में मरीज न तो सोशल डिस्टेंस पालन कर रहे हैं न ही उनके तीमारदार। उन्हें रोकने की अस्पताल प्रबंधन भी कोई जहमत नहीं उठा रहा है। शुक्रवार को गांधी अस्पताल में कई वार्डों में एक बेड पर दो दो मरीज लेटे नजर आए। इसके अलावा वार्ड में एक बेड पर कहीं-कहीं तीमारदार बैठे नजर आए। वहीं कोरोनेशन अस्पताल की ओपीडी के बाहर बड़ी संख्या में लोग एक साथ बैठे थे। डॉक्टरों की ओपीडी के बाहर लंबी लाइनें सटाकर खड़े थे। हालांकि फ्लू ओपीडी में जरूर कुछ दूरी का फासला लेकर लोगों को खड़ा कराया गया था। इस पर प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर बीसी रमोला का कहना है कि सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ाने की आवश्यक्ता है। साथ ही साथ स्टाफ नर्स, वार्ड आया, सफाई कर्मचारियों की कमी है। अचानक दून अस्पताल में काम बंद होने से ये दिक्कतें आ रही है। इसको दूर करने के लिए योजना बना रहे हैं। साथ ही साथ परिजनों को भी समझाना होगा।