पारादीप फॉस्फेट्स को अगले सप्ताह शेयर बाजार में पब्लिक किया जाएगा। जहां आम निवेशक शेयरों के लिए बोली लगाकर हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। पारादीप फॉस्फेट्स का पब्लिक इश्यू यानी आईपीओ 17 मई को निवेश के लिए ओपन होगा।
इसमें 19 मई तक निवेशक बोली लगा सकेंगे। बता दें कि पारादीप फॉस्फेट्स में सरकार की 19.55 पर्सेंट हिस्सेदारी है और सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है।अगर आप एलआईसी के आईपीओ में पैसे लगाने से चूक गए हैं तो आपके लिए एक और मौका आ रहा है। एलआईसी के बाद एक और कंपनी में सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है। दरसअल, सरकार फर्टिलाइजर कंपनी पारादीप फॉस्फेट्स में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है।
39-42 रुपये है प्राइस बैंड
पारादीप फॉस्फेट्स का शेयर प्राइस बैंड 39-42 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (आरएचपी) के अनुसार एंकर निवेशकों की बोली 13 मई को खुलेगी। पारादीप फॉस्फेट्स आईपीओ में 1,004 करोड़ रुपये के फ्रेश इश्यू शामिल हैं। प्रमोटर्स और अन्य शेयरहोल्डर्स ऑफर फोर सेल (OFS) के जरिए 11.85 करोड़ इक्विटी बेचेंगे। बता दें कि ओएफएस के हिस्से के रूप में बिक्री करने वाले शेयरधारक- जुआरी मैरोक फॉस्फेट्स प्राइवेट लिमिटेड (जेडएमपीपीएल) 60,18,493 इक्विटी शेयर बेचेंगे और भारत सरकार आईपीओ के जरिए 11,24,89,000 इक्विटी शेयर बेचेगी।
किसकी कितनी हिस्सेदारी
अपर प्राइस बैंड के मुताबिक, प्रमोटर और सरकार द्वारा सेकेंडरी शेयर की बिक्री ₹497.7 करोड़ की होगी। वर्तमान में, पारादीप फॉस्फेट्स में ZMPPL की 80.45 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि सरकार की 19.55% हिस्सेदारी है। बता दें कि इश्यू से मिलने वाली राशि को यूज कंपनी गोवा में एक प्लांट पर खर्च करेगी और साथ ही कर्ज का भुगतान करेगी।
ये हैं बुक रनिंग लीड मैनेजर
एक्सिस कैपिटल, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, जेएम फाइनेंशियल और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। कंपनी के शेयर 27 मई, 2022 को स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई पर लिस्ट होंगे।
कंपनी के बारे में
1981 में स्थापित पारादीप फॉस्फेट्स लिमिटेड मुख्य रूप से डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और एनपीके फर्टिलाइजर जैसे विभिन्न प्रकार के जटिल उर्वरकों के निर्माण, व्यापार, वितरण और बिक्री में लगा हुआ है। कंपनी ने 31 दिसंबर 2021 को समाप्त नौ महीने की अवधि में ₹362.7 करोड़ का लाभ दर्ज किया, जबकि वित्त वर्ष 2021 के लिए लाभ ₹223 करोड़ था।