उत्तराखंड के सरकारी कर्मचारी 10 महीने तक हर माह एक दिन का वेतन कोविड 19 राहत कोष में देंगे
शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। लॉकडाउन के बाद आर्थिक संकट से जूझ रही सरकार ने कर्मचारियों के भत्तों में कटौती को लेकर लंबी चर्चा हुई, लेकिन इस पर आम सहमति नहीं बन पाई। दरअसल, सरकार भी मौजूदा परिस्तिथियों में कर्मचारियों का विरोध मोल नहीं लेने में पक्ष में नहीं थी।
उत्तराखंड के ढाई लाख सरकारी और अर्ध सरकारी कर्मचारियों को मौजूदा वित्तीय वर्ष तक हर माह एक दिन के वेतन कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में देना होगा। मुख्य सचिव से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इस दायरे में अनिवार्य रूप से आएंगे। फैसले के कुछ देर बाद वित्त विभाग ने यह आदेश भी कर दिया।
सरकारी प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि सरकार को भत्तों में कटौती का कोई इरादा नहीं है। अलबत्ता मार्च, 21 तक मुख्य सचिव से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को महामारी पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रत्येक माह एक दिन के वेतन सीएम राहत कोष में अनिवार्य रूप से देना होगा। सरकारी व निगमों के कर्मचारी इसमें शामिल होंगे। कर्मचारियों को मई माह में भी एक दिन का वेतन कम मिलेगा। वहीं, पेंशनर्स के पेंशन से कटौती नहीं की जाएगी।
पांच दिन की मानदेय कटौती
कैबिनेट में सभी दायित्वधारियों के मानदेय से प्रत्येक माह पांच दिन कटौती करने का भी निर्णय लिया। इनके मानदेय से भी यह कटौती मार्च, 21 तक की जाएगी। राज्य में लगभग 75 दायित्वधारी हैं। वहीं, मुख्यमंत्री के सभी ओएसडी के वेतन से भी यह कटौती की जाएगी.
कौशिक ने दावा किया कि भाजपा के हर विधायक के वेतन से भी से 30 फीसदी की कटौती की जाएगी। कहा कि काफी संख्या में विधायकों ने अपने सहमति पत्र विधानसभा के दे भी दिए हैं। कौशिक ने कहा कि कांग्रेस के विधायक यदि कटौती के पक्ष में नहीं हैं तो नेता प्रतिपक्ष पत्र लिखकर विस अध्यक्ष को सूचित कर दें।
प्रमुख फैसले
-कोविड सैंपलिंग के टेस्ट प्राइवेट अस्पतालों से कराने निर्णय
-सीएम एकीकृत बागवानी विकास मिशन में काश्तकारों को सब्सिड़ी देने की मंजूरी
-दुकान, प्रतिष्ठान व फैक्ट्रियों में कार्यरत कर्मचारी के क्वारंटाइन रहने पर नियोक्ता देगा वेतन
-जीएमवीएन व केएमवीएन के चुगान के पट्टे भी पांच साल दिए जा सकेंगे
-फैक्ट्रियों में अब 30 फीसदी कर्मचारियों की सदस्यता पर किसी एक यूनियन को मिलेगी मान्यता
-रजिस्ट्री की नकलकापी महंगी हुई
-स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स पर नौकरी रखने की अवधि फरवरी, 21 तक बढ़ाई
-मेगा इंडस्ट्री एवं इन्वेस्टमेंट पॉलिसी की अवधि भी 31 मार्च, 21 तक बढ़ाई
-उत्तरकाशी में कोल्ड स्टोरेज मंडी परिषद को ही बनाने की मंजूरी
-डीपीसी चुनाव होने तक डीएम प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से करा सकेंगे काम
-ग्राम प्रधानों के रिक्त पदों को निर्वाचित सदस्यों से छह माह तक मनोनयन से भरने की मंजूरी
– मेडिकल कालेजों के प्राचार्य भी खरीद सकेंगे तीन करोड़ तक के उपकरण