नवंबर तक पेंशन से बीमा राशि की कटौती बंद करने पर विचार कर रही सरकार
देहरादून निवासी गणपत सिंह बिष्ट एवं अन्य की ओर से याचिका दायर में कहा है कि सरकार ने स्वास्थ्य बीमा के नाम पर उनकी अनुमति के बिना 21 दिसंबर 2020 को एक शासनादेश जारी कर 1 जनवरी 2021 से उनकी पेंशन से अनिवार्य कटौती शुरू कर दी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि पेंशन उनकी व्यक्तिगत सम्पति है, सरकार इस तरह कटौती नहीं कर सकती है।
हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त कर्मियों से सरकार द्वारा स्वास्थ्य बीमा के नाम पर उनकी पेंशन से की जा रही कटौती के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि सरकार नवंबर तक बीमा कटौती को बंद करने पर विचार कर रही है। कोर्ट ने सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए तीन सप्ताह बाद की तिथि नियत की है। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।
यह कटौती पूरी तरह असंवैधानिक है। याची का कहना है कि पूर्व में लागू व्यवस्था के तहत सरकार स्वयं कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा करती थी, लेकिन अब सरकार उनकी पेंशन से स्वास्थ्य बीमा के नाम पर हर महीने रुपये काट रही है। लिहाजा मामले में जारी पूर्व व्यवस्था को लागू किया जाए। बुधवार को मामले में सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा।