सरकारी नौकरी को तैयारी कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी, आयु सीमा में मिली छूट

सरकारी नौकरी को तैयारी कर रहे लोगों के लिए खुशखबरी, आयु सीमा में मिली छूट

निर्णय की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कोविड के कारण पिछले डेढ़ साल से भर्ती प्रक्रिया बाधित रही। इसी बीच बड़ी संख्या में बेरोजगार सरकारी नौकरी के लिए तय 42 साल की अधिकतम आयु सीमा पार कर गए हैं। इस कारण राज्य सरकार ने ऐसे सभी बेरोजगारों को अधिकतम आयु सीमा में एक साल की छूट देने का निर्णय लिया है। यह छूट 30 जून 2022 तक लागू रहेगी। गौरतलब है कि पिछले साल भी सरकार ने अधिकतम आयु सीमा में एक साल की छूट प्रदान की थी, जो गत तीस जून को समाप्त हो गई थी। इस कारण सरकार ने इसे अब एक साल का और विस्तार प्रदान कर दिया है।

उत्तराखंड के  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोरोना की वजह से सरकारी नौकरियों में छूटे बेरोजगारों को तोहफा दिया है। बुधवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में फैसला लिया है कि युवाओं को अधिकतम आयु सीमा में एक साल की छूट दी जाएगी। कोविड-19 की वजह से प्रदेशभर में भर्ती परीक्षाएं नहीं हो पाई हैं।  ऐसे में कोरोन संक्रमण की वजह से बेरोजगार युवकों का सरकारी नौकरी का सपना न टूटे, उत्तराखंड सरकार ने सरकारी भर्तियों में एक साल की छूट देने का फैसला लिया है। अब जून 2022 तक शुरू होने वाली सभी भर्तियों के लिए 43 आयु तक के अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकेंगे।

फार्म भरने का अतिरिक्त मौका मिलेगा
सुबोध उनियाल ने स्पष्ट किया कि आयु सीमा का लाभ उन भर्ती परीक्षाओं के लिए भी दिया जाएगा, जिनके लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके लिए लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग सहित अन्य परीक्षा एजेंसियां ऐसे अभ्यर्थियों के लिए एक बार फिर आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ करेंगी।
आगामी भर्ती परीक्षाओं में लागू होगा बदलाव
इधर, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि आयोग का चयन वर्ष एक जुलाई से तीस जून का होता है। इस लिहाज से तीस जून से पहले भरे गए आवेदनों में आयुसीमा बढ़ाने से फर्क नहीं पड़ेगा। अलबत्ता जुलाई से जो आवेदन आएंगे, उसमें आयु सीमा 43 वर्ष की जाएगी। शेष कैबिनेट का विधिवत आदेश आने के बाद ही स्थिति स्ष्ट होगी। आयोग जल्द एक हजार से अधिक पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।

कैबिनेट ने देहरादून महा योजना 2025 पर भी मुहर लगा दी है। इसके तहत सभी राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के कार्यालयों को भी अनुमति दी गई है। कोरोना संक्रमण की वजह से मेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए कैबिनेट ने उत्तराखंड में तीन मेडिकल कॉलेजो के संचालन के लिए 500 नए पद सृजित करने पर हामी भर दी है। ऐसा होने से जिला अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर्स सहित पैरा-मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर किया जा सकेगा। यहीं नहीं,अस्पतालों में भर्ती मरीजाें को पहले से उम्दा इलाज मिलने के साथ ही मेडिकल स्टाफ पर वर्क-लोड भी कम हो सकेगा।

पढ़ें अन्य फैसले
– रेशम विभाग ने अपनी जमीन को वापस लेने का लिया निर्णय
– पुनर्वास नीति के तहत प्रभावित लोगों को 4 गुना भुगतान किया जाएगा।
– कैंपा योजना के अंतर्गत वार्षिक लेखा को विधानमंडल के पटल पर रखने पर बनी सहमति।
– खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने राष्ट्रीय खाद्यान्न नीति में विकलांगों (जिनका आय 4000 रुपया है) को अंत्योदय के रूप में किया जाएगा शामिल।
– परिवहन कर्मचारियों को एक मुस्त सहायता देने के प्रस्ताव के मामले पर परिवहन मंत्री और परिवहन के अधिकारियों के साथ चर्चा किया जाएगा।

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