सिलचर। एनआरसी जारी होने के बाद असम जा रहे तृणमूल कांग्रेस के छह नेताओं को सिलचर हवाई अड्डे पर रोक दिया गया। इन नेताओं ने आरोप लगाया है कि उनके साथ घुसपैठिये जैसा बर्ताव किया गया और वापस भेज दिया गया। तृणमूल कांग्रेस के ये सभी छह नेता आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। हवाई अड्डे पर देर रात रोक दिए जाने के बाद सभी छह नेता आज सुबह असम से रवाना हो गए।
कछार जिले के उपायुक्त एस. लक्ष्मणन ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के छह नेता वापस चले गए और दो अन्य-सांसद ममताबाला ठाकुर और अर्पिता घोष आज राज्य से लौट जाएंगी। तृणमूल कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल में छह सांसद, एक विधायक और पश्चिम बंगाल के एक मंत्री शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) ड्राफ्ट जारी होने के बाद लोगों से संवाद के लिए असम में सिलचर गया था।
कोलकाता आने के बाद तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा, ‘घुसैपठिये जैसा सलूक होता है…उसी तरह हमें वापस भेज दिया गया…हमसे भी यही सलूक हुआ…हमें वापस भेज दिया गया। हमारे साथ बदसलूकी की गयी, महिला सांसदों को भी नहीं बख्शा गया।’ संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘छह सांसद, एक मंत्री और विधायक राज्य में कैसे अशांति पैदा कर सकते हैं।’
सिलचर से वापसी से पहले उन्होंने कहा था कि हम वापस जा रहे हैं। पुलिस ने हमें बाहर जाने की इजाजत नहीं दी। हमने कई बार उनसे आग्रह किया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। हमने हवाई अड्डे पर तीन कमरों में रात बिताई। प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने आरोप लगाया, ‘जिस तरह सांसदों और राज्य के मंत्री (फिरहाद हकीम) को परेशान किया गया यह दिखाता है कि लोकतंत्र खतरे में है।’
उन्होंने कहा, ‘हमें आश्चर्य है कि क्या देश में कानून का शासन है। ऐसा लगता है कि अघोषित आपातकाल लागू है।’ तृणमूल कांग्रेस के नेता कल जैसे ही सिलचर हवाई अड्डा पहुंचे अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया और ऐहतियातन हिरासत में ले लिया। कछार जिले में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी थी। बहरहाल असम पुलिस ने इंकार किया है कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को परेशान किया गया। पुलिस महानिदेशक कुलधर सैकिया ने कहा कि प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बहुत सम्मान के साथ टीम को बताया कि उन्हें हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि धारा 144 लागू है।