गीता का ज्ञान जनमानस तक पहुँचाने की सार्थक पहल: पांडेय

देहरादून। इस्कॉन का शैक्षणिक केंद्र अब देहरादून में जीवन को परिवर्तित करने वाला भगवतगीता के कालातीत ज्ञान पे आधारित एक पाठ्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है। भगवतगीता पाठशाला का उद्घाटन शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय के शुभ कर कमलो से हुआ। मंत्री जी के उपस्थिति में आये यहाँ सम्मानित सभी देहरादून के वासियों को भगवतगीता के ज्ञान को धारण करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। यह पाठशाला नीलम जी के आमंत्रण से संजीवन विद्यापीठ, बंजार्वाला में संचालित रहेगी। इस पाठ्यक्रम के समन्वक होंगे डॉ. लीला पुरुषोत्तम दास। डॉ. दास IIT कानपूर के प्रोफसर व IIT कानपूर के स्नातक है। तथा कृष्णाकृपामूर्ति ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद इस्कॉन के शिक्षाओं से प्रेरित है।

श्रील प्रभुपाद ने यह अन्तराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संस्था ISKCON की स्थापना आध्यात्मिक ज्ञान एक व्यवस्थित रूप से वितरण करने हेतु समाज के आदर्शो में हुए असंतुलन को सुधरने के लिए एवं सच्चे एकता पाने के लिए स्थापित किया है। श्री प्रभुपाद ने इस्कॉन के तत्वावधान में विश्वभर में हरे कृष्ण आंदोलन की स्थापना की, जो कि आध्यात्मिक ज्ञान को बड़े पैमाने पर प्रसारित करने के लिए और सभी लोगों को आध्यात्मिक जीवन की तकनीक में शिक्षित करने के लिए जीवन में मूल्यों की असंतुलन को देखने और वास्तविक एकता प्राप्त करने के लिए और विश्व में शांति हेतु प्रसिद्ध है।’

इस्कॉन दुनिया भर में गुरुकुल स्कूलों के माध्यम से हजारों छात्रों को मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भक्तिवेदांत गुरुकुल और इंटरनेशनल स्कूल (BGIS), 1975 में वृंदावन की दृष्टि से स्थापित किया गया था। “दुनिया के अच्छे नागरिकों को तैयार करने के लिए, चरित्र और क्षमता वाले पुरुष जो दूसरों को प्रेरित और प्रेरणा दे सकते हैं।” डॉ. लीला पुरुषोत्तम दास इस स्कूल के निर्देशक हैं।

पाठशाला के निदेशक डॉ लीला पुरुषोत्तम कहते हैं – “देहरादून में भगवद् गीता पाठशाला स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ-साथ काम करने वाले पेशेवरों को समग्र मूल्य प्रदान करने के लिए काम करेगी जो कि सभी के लिए जीवन का मार्ग बन जाएगा। भगवान कृष्ण की अनन्त शिक्षाएं उत्तराखंड प्रसिद्ध देवी-देवता है और हमें इस शुभ सेवा को शुरू करने के लिए नीलम जी के उदार सहयोग से भाग्यशाली महसूस करते हैं। ”

इस अवसर पर कई महान सज्जन और विशेष रूप से विद्यालयों और कॉलेजों, व्यवसायियों और देहरादून शहर के  छात्र उपस्थिति रहे। कार्यक्रम की शुरूआत भगवान श्रीकृष्ण के पवित्र नामों के शुभ विधि के साथ शुरू हुआ, ओडीसी नृत्य और शिक्षा मंत्री द्वारा उद्घाटन भाषण के बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का समापन भगवान् के स्वादिष्ट प्रसाद को ग्रहण करने के पश्चात संपन्न हुआ।

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