गैरसैंण मंडल-देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार होगा
मुख्यमंत्री ने कुंभ में आने वाले शंकराचार्यों और अखाड़ों को भूमि और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने कहा कि कुंभ के लिए यदि अतिरिक्त व्यवस्थाएं करनी हैं, उसका प्रस्ताव दो दिन में दें। उन्होंने विभागीय सचिवों को कुंभ कार्यों की समीक्षा के साथ ही स्थलीय निरीक्षण करने को कहा। भीड़ जोड़ने से बच रही थी पूर्ववर्ती सरकार: नई सरकार ने कुंभ को भव्य और दिव्य तरीके से आयोजित करने के लिए अपनी प्राथमिकताएं तय कर दी हैं। जबकि, पिछली सरकार मुख्य स्नान पर भीड़ कम रखने के लिए दूसरे राज्यों से विशेष बसें न चलाने की गुजारिश कर चुकी थी, रेलवे से भी मुख्य स्नान पर ट्रेन सेवाएं स्थगित रखने को कहा था। साथ ही बिना आरटीपीसीआर जांच के कुंभ क्षेत्र में प्रवेश न देने पर जोर दिया जा रहा था।
मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने कहा कि कुंभ में स्नान के लिए आने वाले यात्रियों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट लाने की बाध्यता नहीं होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड व गैरसैंण कमिश्नरी के मामले में सरकार जनभावनाओं को देखते हुए फिर विचार करेगी। उन्होंने कुंभ के लिए शंकराचार्यों और अखाड़ों को भूमि उपलब्ध कराने को भी कहा है। शनिवार शाम सीएम आवास स्थित कैंप ऑफिस में कुंभ मेला समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में हर कोई गंगा स्नान करना चाहता है। इसलिए यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो। सीएम ने कुंभ क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के साथ ही सड़कों से निर्माण सामग्री को तुरंत हटाने को कहा।
राजभवन में मीडिया से मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में आने के लिए कोरोना रिपोर्ट जरूरी नहीं होगी, लेकिन कोविड के नियमों का पालन करना होगा। देवस्थानम बोर्ड और गैरसैंण कमिश्नरी पर सरकार जनभावनाओं को देखते हुए फिर विचार करेगी। तीर्थ पुरोहितों को बातचीत के लिए बुलाया जाएगा। सरकार का काम लोगों की दिक्कतें दूर करना है, बढ़ाना नहीं। इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि कुंभ में 661 करोड़ के 203 कार्य हो चुके हैं। मेलाधिकारी दीपक रावत और आईजी संजय गुंज्याल ने कुंभ के इंतजामों पर प्रजेंटेशन दिया। बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, आरके सुधांशु, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा, आयुक्त रविनाथ रमन प्रमुख रूप से शामिल हुए।