गर्भपात का विरोध कोई धार्मिक मुद्दा नहीं: पोप फ्रांसिस

वेटिकन सिटी। पोप फ्रांसिस ने शनिवार को कहा कि गर्भपात कराना ठीक नहीं है, यह क्षमा योग्य नहीं हो सकता है। उन्होंने डॉक्टरों और पादरियों से अनुरोध किया कि वे ऐसे गर्भधारण को पूरा करने में परिवारों की मदद करें।

गर्भपात-रोधी विषय पर वेटिकन-प्रायोजित सम्मेलन में पोप फ्रांसिस ने कहा कि गर्भपात का विरोध कोई धार्मिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह मानवीय विषय है। उन्होंने कहा कि यह गैरकानूनी है कि एक समस्या के समाधान के लिये आप अपने अंदर से किसी जीवन को निकाल फेंके।

उन्होंने कहा कि किसी समस्या को सुलझाने के लिये यह एक हत्यारे को काम पर रखने के बराबर है, जौ अवैध है। पोप फ्रांसिस ने जन्मपूर्व परीक्षण के आधार पर गर्भपात के फैसलों की आलोचना की और कहा कि एक इंसान ‘‘जीवन का कभी परस्पर विरोधी’’ नहीं हो सकता।

यहां तक कि गर्भ में पल रहे वो अजन्मे शिशु जिनकी नियति में जन्म के समय या उसके तुरंत बाद मृत्यु लिखी हो, उन्हें भी गर्भ में पलने के दौरान चिकित्सकीय देखभाल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता को सहयोग और समर्थन की जरूरत है ताकि वे अलग-थलग या डरा हुआ महसूस नहीं करें।

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