उत्तराखंड राज्य में किसानों को उत्पाद कहीं भी बेचने की आजादी

उत्तराखंड राज्य में किसानों को उत्पाद कहीं भी बेचने की आजादी

प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एपीएलएम एक्ट को विधानसभा में पारित कर दिया है। इससे प्रदेश के किसानों को अब फल, सब्जी समेत अन्य कृषि उत्पादों को मंडी में लाने की बाध्यता नहीं होगी। किसान अपनी मर्जी से कहीं भी उत्पाद बेच सकते हैं, जहां उन्हें उत्पाद का ज्यादा मूल्य मिल रहा है। मंडी परिसर के अंदर ही फल व सब्जी पर एक प्रतिशत के हिसाब से यूजर चार्ज लिया जाएगा। मंडी परिसर से बाहर फल-सब्जी का कारोबार करने के लिए लाइसेंस बनाना जरूरी है। कोई भी व्यक्ति कारोबार कर सकता है। लाइसेंस की व्यवस्था मंडी परिसर के अंदर ही रहेगी।

उत्तराखंड विधानसभा सत्र में राज्य कृषि उपज एवं पशुधन संविदा खेती एवं सेवाएं (प्रोत्साहन एवं सुविधा) विधेयक पारित हो गया है। अब प्रदेश के किसानों को कृषि उपज कहीं भी बेचने की आजादी होगी। वहीं, मंडी परिसर से बाहर कृषि उत्पादों पर मंडी शुल्क खत्म कर दिया गया है। मंडी समितियों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों का चुनाव कराया जाएगा। इन पदों पर चुनाव लड़ने के लिए किसान होना अनिवार्य होगा।

मंडी समितियों में अभी तक सरकार की ओर से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य नामित किए जाते हैं लेकिन अब इन पदों पर चुनाव होगा। समितियों का कार्यकाल दो साल ही रहेगा। एपीएलएम बोर्ड के अध्यक्ष का चुनाव भी मंडी समितियों के चुने गए सदस्यों के माध्यम से होगा। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्यों को हटाने का अधिकार मार्केटिंग निदेशक को दिया गया है। लेकिन सरकार की अनुमति लेनी होगी।

प्रदेश में ईको टूरिज्म कॉरपोरेशन का गठन

ईको टूरिज्म क्षेत्र में स्थानीय लोगों के कौशल विकास के लिए सरकार ने प्रदेश में ईको टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड का गठन किया है। ईको सेक्टर में दक्षता बढ़ाने से लोगों के रोजगार के अवसर पर उपलब्ध होंगे। वहीं, ऊधमसिंह नगर में पक्षी संरक्षण रिजर्व स्थापित किया जाएगा।

झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के प्रश्न के जवाब में सरकार ने लिखित जवाब में बताया कि ईको टूरिज्म गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई पहल की हैं। इसमें कोटद्वार के समीप पाखरों में टाइगर सफारी की स्थापना, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में एक सींग के गैंडे का परिचय करना, राजाजी रिजर्व के पश्चिमी छोर में बाघों को लाने, उत्तरकाशी के लंका में हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र स्थापित करने की कार्रवाई की जा रही है।

सरकार ने कहा कि हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र की स्थापना से शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ऊधमसिंह नगर में एक पक्षी संरक्षण रिजर्व बनाया जाएगा। वहीं, प्रदेश के कई स्थानों पर नगर वन स्थापित करने की तैयारी चल रही है।

प्रदेश में 102 मलिन बस्ती अधिसूचित

विधायक देशराज कर्णवाल के पूछे गए सवाल पर सरकार ने जवाब दिया कि सुधार विनियमितीकरण, पुनर्वास, पुर्न व्यवस्थापन, व्यवस्थाओं एवं अतिक्रमण निषेध नियमावली-2016 के तहत अब तक 102 मलिन बस्ती अधिसूचित की गई है। शहरी विकास निदेशक की अध्यक्षता में मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण के लिए समिति का गठन किया गया है।

20 आईटीआई के पास अपना भवन नहीं

एनसीबीटी से मान्यता प्राप्त 20 आईटीआई के पास अपना भवन नहीं है। सरकार संस्थानों के भवन निर्माण की कार्रवाई कर रही है। गैरसैंण आईटीआई भवन निर्माण के लिए पेयजल निगम को कार्यदायी संस्था के रूप में नामित किया गया है। विधायक सुरेंद्र सिंह के सवाल पर सरकार ने जवाब दिया कि प्रदेश में 91 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान केंद्र स्थापित हैं। इसमें 20 संस्थानों के पास भवन नहीं है। 10 आईटीआई भवन निर्माण की कार्रवाई चल रही है।

कोविड महामारी के कारण लॉकडाउन की अवधि के दौरान प्रदेश में स्थापित औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले 6.37 लाख श्रमिकों को वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। मात्र 271 उद्योगों ने 43612 श्रमिकों को वेतन दिया है। कांग्रेस विधायक ममता राकेश के सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने कहा कि प्रदेश में श्रम विभाग में 3432 औद्योगिक इकाइयां पंजीकृत हैं।

जिनमें 6.81 लाख से अधिक श्रमिक काम करते हैं। लॉकडाउन के दौरान 271 इकाइयों ने 43612 श्रमिकों को वेतन का भुगतान किया है। जबकि 3161 इकाइयों में 6.37 लाख श्रमिकों को वेतन नहीं मिला हैं। सरकार ने स्पष्ट किया कि ईएसआई फंड को ट्रांसफर कर श्रमिकों का वेतन देना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। साथ ही फंड को ट्रांसफर कर श्रमिकों को वेतन भुगतान करने का ईएसआई अधिनियम में नहीं है।

अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन में सात शहरों का चयन

विधायक देशराज कर्णवाल के प्रश्न के जवाब में सरकार ने बताया कि अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन के तहत प्रदेश में देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी और नैनीताल का चयन हुआ है। इन शहरों में जलापूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज व पार्कों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा।

चार नगर पंचायतों की टैक्स आय शून्य

टिहरी जिले के अंतर्गत आने वाली चार नगर पंचायतों की संपत्ति कर प्राप्त होने वाली आय शून्य है। वर्ष 2018-19 और 2019-20 में नगर पंचायत घनसाली, गंजा, चमियाला, लंबगांव को कोई टैक्स नहीं मिला है। विधायक धन सिंह नेगी के प्रश्न के जवाब में सरकार ने यह जानकारी दी।

चारधाम देवस्थानम बोर्ड में सदस्य नामित करने की प्रक्रिया आसान

एक दिन के विधानसभा सत्र में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधक (संशोधन) विधेयक पारित हो गया है। देवस्थानम बोर्ड में सदस्यों को नामित करने और अन्य तकनीकी कारणों से आ रहीं दिक्कतों को लेकर संशोधन किया गया है। बोर्ड में विधायकों व सांसदों को अब सरकार अपने स्तर पर नामित कर सकती है। इसके लिए विधानसभा और लोकसभा से अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी।

बुधवार को सरकार ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन संशोधन विधेयक पटल पर रखा। जिसके बाद विधेयक पारित किया गया। देवस्थानम बोर्ड में बतौर सदस्य के रूप में तीन सांसदों व छह विधायकों को नामित करने की व्यवस्था है। लेकिन विधानसभा व लोकसभा से अनुमति के आधार पर ही सरकार विधायकों व सांसदों को सदस्य नामित कर सकती थी। इसमें लंबी प्रक्रिया होने से एक्ट में सदस्यों को नामित करने की प्रक्रिया को आसान किया गया। एक्ट में सरकार की सिफारिश पर विधायकों और सांसदों को नामित करने की व्यवस्था की गई है।

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