देहरादून: पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला यौन शोषण का है। दिल्ली की एक महिला ने उन पर शारीरिक शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला राज्य सरकार, केंद्र के साथ ही मानवधिकार आयोग को पत्र लिख न्याय की गुहार लगा रही है। मामले की जांच गढ़वाल रेंज के डीआइजी पुष्पक ज्योति कर रहे हैं। छह माह से जारी जांच अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। दूसरी ओर सिद्धू ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
महिला ने पांच जून 2017 को ईमेल से पूर्व डीजीपी के खिलाफ पुलिस मुख्यालय को तहरीर भेजी। तहरीर में शारीरिक शोषण, अपशब्दों का प्रयोग, जान से मारने की धमकी और धोखाधड़ी समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस मुख्यालय ने मामले की जांच डीआइजी गढ़वाल को सौंपी। जांच अधिकारी ने अगस्त में पीड़ित के बयान दर्ज किए। इसके अलावा पूर्व डीजीपी से भी लिखित पक्ष लिया गया है। हालांकि जांच अभी जारी है।
17 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय ने जांच की प्रगति तलब की तो डीआइजी ने अवगत कराया कि कुछ बिंदुओं पर दोनों पक्षों के बयान दर्ज कराने बाकी हैं। इसके बाद रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। इस बीच महिला ने एक बार फिर पुलिस मुख्यालय को पत्र भेज स्वयं और परिवार की जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है।
पीएमओ ने भी लिया संज्ञान
महिला ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेज न्याय मांगा है। इस पर पीएमओ ने मुख्य सचिव को पत्र भेज पीड़ित की शिकायत को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं। साथ ही शिकायत का निस्तारण कर पीएमओ को भी अवगत कराने को कहा है। शासन ने गृह विभाग से जांच आख्या मांगी गई है।
मामले को लेकर पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू का कहना है कि इस मामले में महिला ने दिल्ली की एक अदालत में भी शिकायत की थी, जिसे खारिज किया जा चुका है। इस मामले में मैंने अपना पक्ष लिखित में दे दिया है। पूरा मामला झूठा है और कोई बात नहीं है।
वहीं डीआइजी और मामले के जांच अधिकारी पुष्पक ज्योति का कहना है कि जांच अभी जारी है। दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए गए हैं। पुन: कुछ बिंदुओं पर बयान दर्ज कर शीघ्र रिपोर्ट भेजी जाएगी। मैं अभी अवकाश पर हूं। लौटने के बाद आगे की कार्रवार्इ की जाएगी।