महाशिवरात्रि पर पहला शाही स्नान कल, लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते ट्रैफिक डायवर्ट

महाशिवरात्रि पर पहला शाही स्नान कल, लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते ट्रैफिक डायवर्ट

आईजी कुंभ संजय गुंज्याल, एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस समेत तमाम अधिकारियों ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। 12 बजे तक चमगादड़ टापू की पार्किंग पूरी तरह भर चुकी थी। आनन-फानन में रुड़की से हरिद्वार की ओर आने वाले वाहनों को सिंहद्वार से बैरागी कैंप पार्किंग की ओर भेजा गया। कुछ देर बाद दिल्ली से मंगलौर और रुड़की से वाया लक्सर वाहनों को डायवर्ट करना शुरू कर दिया था। दोपहर बाद लक्सर होते हुए वाहन हरिद्वार पहुंचे थे। वहीं भारी वाहनों को पहले ही बंद कर दिया गया था।

महाशिवरात्रि पर कुंभ के पहले शाही स्नान से एक दिन पहले बुधवार को लाखों श्रद्धालु और कांवड़िए हरिद्वार पहुंच गए। हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाट पूरी तरह श्रद्धालुओं से पैक रहे। अपेक्षा से अधिक भीड़ आने के कारण गुरुवार को लागू होने वाला ट्रैफिक प्लान बुधवार दोपहर 2 बजे ही लागू करना पड़ा। चमगादड़ टापू और दीन दयाल उपाध्याय पार्किंग फुल होने के कारण सिंहद्वार से रूट डायवर्ट कर वाहनों को बैरागी पार्किंग में भेजा गया। शाही स्नान की पूर्व संध्या पर हरिद्वार में करीब 7000 हजार से अधिक वाहन पहुंचे। चमगादड़ टापू और दीन दयाल उपाध्याय पार्किंग सुबह से दोपहर होते-होते पूरी तरह पैक हो गई। हालांकि मेला और जिला पुलिस पहले से ही तैयार थी। लेकिन अचानक दोपहर में भीड़ बढ़ती देख अधिकारी सड़कों पर उतर आये।

कांवड़ियों का कब्जा
श्रद्धालुओं के साथ बुधवार को हरिद्वार में कांवड़ियों का कब्जा नजर आया। जगह-जगह डाक कांवड़िए नजर आये। गुरुवार को महाशिवरात्रि के मौके पर शारदीय कांवड़ यात्रा का समापन हो रहा है। यात्रा के अंतिम दिन काफी संख्या में कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे और ऋषिकेश की ओर भी निकले।

सिंहद्वार फ्लाईओवर को किया बंद
सिहंद्वार फ्लाईओवर को दोपहर बाद बंद कर दिया गया था। क्योंकि सिहंद्वार फ्लाईओवर के नीचे से ही ट्रैफिक डायवर्ट किया गया था। स्थानीय लोगों के लिए भी बंद कर दिया गया था। इससे स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

हरकी पैड़ी जीरो जोन में वाहन बंद
हरकी पैड़ी पर आने वाले दोपहिया वाहनों को भी बुधवार को बंद कर दिया गया। स्थानीय लोगों को भी वाहन ले जाने नहीं दिए गए। भीड़ अधिक हो गई थी। एक ओर भीमगोड़ा तो दूसरी ओर कोतवाली नगर के पास बने बैरियर से वाहनों को रोका गया। आवश्यक कार्य के लिए जा रहे लोगों को ही वाहन ले जाने की अनुमति दी गई थी।

ऋषिकेश जाने वालों की भीड़
नीलकंठ महादेव मंदिर जाने वालों की संख्या भी अच्छी-खासी रही। इस कारण चीला मार्ग पर जाम दिखाई दिया। चंडी चौकी से चीला मार्ग पर वाहनों का दबाव अधिक दिखाई दिया।

ऑटो-विक्रम को रोका
उत्तरी हरिद्वार के भीमगोड़ा तक आने वाले ऑटो और विक्रम को बुधवार को खड़खड़ी की ओर नहीं आने दिया गया। सूखी नदी पर लगे बैरियर से ही वाहनों को लौटाया जा रहा था।

यह रहेगी रोडवेज की व्यवस्था 
दिल्ली की रूट से आने वाले रोडवेज की बसों को पुरकाजी के पास से लक्सर रोड के लिए डायवर्ट किया जायेगा। ये वाहन लक्सर मार्ग से बैरागी पार्किंग तक ही आ सकेगी। इसी आगे बसों को भी नहीं आने दिया जाएगा। सहारनपुर से आने वाली रोडवेज की बसों को छुटमलपुर, गागलहेडी से भगवानपुर होते हुए ईमलीखेड़ा, धनौरी पुल से धीरवाली पार्किंग में बने अस्थाई बस अड्डे पर पार्क कराया जाएगा। नजीबाबाद कोटद्वार मार्ग से आने वाली रोडवेज बसों को 4.2 किमी से गौरीशंकर के पार्किग से आगे नहीं आने दिया जाएगा। ऋषिकेश देहरादून की ओर से आने वाली उत्तराखंड और हिमाचलय राज्य परिवहन की बसों को दूधाधारी चौक से मोतीचूर रेलवे स्टेशन के पास बने निर्धारित पार्किंग स्थल पर पार्क कराया जायेगा।

सहारनपुर की ओर से आने वाले वाहन
सहारनपुर की ओर से आने वाले बड़े और छोटे वाहनों को बडकला, छुटमलपुर, गागलहेडी से भगवानपुर होते हुए ईमलीखेड़ा, धनौरी पुल पार कर करते हुए कांवड़ पटरी से काली माता तिराहे के सामने से बीएचईएल तिराहे से सलेमपुर पिकेट मोड से राजा बिस्कुट तिराहे से सिडकुल मार्ग किरबी चौराहे से चिन्मय डिग्री कॉलेज से शिवालिक नगर तिराहे, बीएचईएल मध्य मार्ग से लाकर सेक्टर 4 पीठ के पीछे एवं फाउंड्री गेट के सामने से दाहिने मुड़कर धीरवाली पार्किंग में पार्क कराया जायेगा। इन वाहनों की वापसी शिवालिक नगर तिराहा से बैरियर न 6, ख्याति ढाबे से बोंगला बाई पास से रूड़की राजमार्ग- 58 से होकर करायी जायेगी।

नजीबाबाद-कोटद्वार मार्ग 
नजीबाबाद और कोटद्वार मार्ग से आने वाले बड़े वाहन और छोटे वाहनों को नजीबाबाद-हरिद्वार मार्ग से आने वाले सभी प्रकार के बडे वाहन 4.2 किमी से गौरीशंकर के पार्किग स्थलों पर पार्क कराये जायेगें। इन वाहनों को हरिद्वार-नजीबाबाद मुख्य सड़क से वापस भेजा जायेगा।

देहरादून, ऋषिकेश मार्ग
देहरादून ऋषिकेश मार्गसे आने वाले वाहनों को दूधियाबंध कृषि भूमि पर बनी पार्किंग पर पार्क कराया जायेगा। इस पार्किग के भर जाने पर देहरादून, ऋषिकेश की तरफ से आने वाली सभी बडी गाडियों मोतीचूर रेलवे फाटक के पास मोतीचूर-रोह पर बने पार्किग में पार्क की जायेगी। जबकि छोटे वाहनों को हरिपुर कलां मार्ग से होकर सप्तऋषि आश्रम के सामने सप्तऋषि पार्किग स्थल पर पार्क कराया जायेगा। इनकी वापसी पुरानी भूपतवाला चौकी से दाहिने मुड़कर मुख्य मार्ग से वापस भेजा जायेगा।

दोपहिया के लिए यह रहेगा प्लान 
दोपहिया और तीन पहिया वाहनों को शहर के अंदर किसी भी सूरत में नहीं आने दिया जाएगा। उत्तरी हरिद्वार के वाहनों को खड़खड़ी से पहले ही बंद करा दिया जाएगा। जवालापुर की ओर से आने वाले वाहनों को भगत सिंह चौक और कनखल की ओर से आने वाले वाहनों को हरिराम आर्य इंटर कॉलेज और सिडकुल से आने वाले वाहनों को भेल में ही रोक दिए जाएंगे। यहां इनके लिए अस्थाई पार्किंग बनाई गई है। दोपहिया और तीन पहिया वाहनों के लिए अगल से प्लान लागू किया गया है। रुड़की बहादराबाद की ओर से आने वाले दोपहिया और तीन पहिया वाहनों को  बहादराबाद, ज्वालापुर से पुल जटवाडा पार कर रेल चौकी, भगत सिंह चौक से हिल बाईपास पर रोडवेज वर्कशाप के सामने बने पार्किग स्थल पर पार्क कराया जायेगा।

इसी मार्ग से वापस भेजा जायेगा। जबकि लक्सर और कनखल मार्ग से आने वाले वाहनों को बूढ़ी माता तिराहे से सतीकुंड होते हुये देश रक्षक तिराहे से दाहिने मोड़कर बंगाली मोड से वाया महात्मा गांधी मार्ग से हरिराम इंटर कालेज लाकर पार्क कराया जायेगा। शिवालिकनगर, रोशनाबाद, और भेल मार्ग से आने वाले वाहनों को नेहरू युवा केंद्र के पीछे बनी पार्किग पर पार्क किये जायेंगे। श्यामपुर कांगड़ी मार्ग से आने वाले वाहनों को 4.2 किमी0 से नहर पटरी होकर गौरीशंकर, पार्किग स्थल पर पार्क कराया जायेगा। रायवाला, भूपतवाला और सप्तसरोवर क्षेत्र से आने वाले वाहनों को खड़खड़ी मार्ग से लाकर बागरो नदी परब ने पार्किंग स्थल पर पार्क कराया जाएगा। खड़खड़ी मार्ग पर पैदल यातायात अधिक होने की दशा में इन दो पहिया वाहनों को मोतीचूर रेलवे स्टेशन के पास पार्क कराया जायेगा।

चलना होगा पैदल 
हरिद्वार हरकी पैड़ी के आसपास के गंगा घाटों में स्नान के लिए पैदल ही जाना होगा। ट्रेनों से आने वाले यात्रियों को स्टेशन से ऋषिकुल, हाईवे होते हुए रोडीबेल वाला भेजा जाएगा और फिर यहां से बने बल्लियों के चक्रव्यूह से हरकी पैड़ी के आसपास गंगा घाटों में भेजा जाएगा।

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