पलायन की रोकथाम पर हो तेजी से काम
बैठक में सीएम ने पलायन आयोग को थिंक टैंक के रूप में काम करने के निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि आयोग के सदस्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर कार्य करने का अनुभव है इसलिए सरकार आयोग के सुझावों पर नीतिगत निर्णय ले रही है।
पलायन प्रभावित गांवों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लागू मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना पर तेजी से काम होगा। पलायन आयोग योजना इसके लिए जिलास्तर पर समन्वय करेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में आयोजित ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए गए।
इसी क्रम में उत्तराखंड में कोविड-19 से पूर्व ही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, सोलर स्वरोजगार योजना और ग्रोथ सेन्टरों की स्थापना, एलईडी योजना का कार्य शुरू कर दिया गया था। सीमान्त क्षेत्रों के समग्र विकास के लिये मुख्यमंत्री सीमान्त सुरक्षा निधि की व्यवस्था की गई है।
स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की सरकारी खरीद के लिए पांच लाख रुपये तक की सीमा निर्धारित की गई है। बैठक के बाद पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी ने कहा कि पलायन रोकथाम योजना के लिए पिछले बजट में 18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था।
योजना के तहत बजट के अभाव में अटके विकास कार्यों को गैप फंडिंग के जरिए पूरा किया जाना है। सीएम ने इस योजना को जिला स्तर पर समन्वय बनाने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में आयोग के सदस्य रामप्रकाश पैन्यूली, सुरेश सुयाल, दिनेश रावत घंडियाल, अनिल सिंह शाही और रुद्रप्रयाग से रंजना रावत वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शामिल हुईं। इसके साथ ही अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार और सदस्य सचिव रोशन लाल भी बैठक में शामिल हुए।
बागेश्वर में ज्यादा पलायन
इस मौके पर आयोग ने बागेश्वर जनपद में पलायन पर आधारित रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। डॉ. एसएस नेगी ने बताया कि जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार जनपद बागेश्वर की जनसंख्या 2,59,898 है, इनमें 1,24,326 पुरुष तथा 1,35,572 महिलाएं है।
पिछले 10 वर्षों में 346 ग्राम पंचायतों से कुल 23,388 व्यक्तियों द्वार अस्थायी रूप से पलायन किया गया है। इस दौरान 195 ग्राम पंचायतों से 5912 व्यक्तियों द्वार पूर्णरूप से स्थायी पलायन किया गया।
कपकोट ब्लॉक अधिक पलायन हुआ है। यहां कृषि, पशुपालन और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाकर पलायन रोका जा सकता है। होम स्टे, ईको टूरिज्म, कौशल विकास भी रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभा सकते हैं।