उत्तराखंड प्रदेश के हर ग्राम पंचायत चमकेंगे, 250 करोड़ रुपयों से लगेंगी एलईडी स्ट्रीट लाइट्स
केंद्र सरकार की एजेंसी अपने स्तर से बजट खर्च करेगी। अभी राज्य में स्ट्रीट लाइट शहरों तक ही सीमित रही है। ग्रामीण इलाके, खासतौर पर पहाड़ के गांवों में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं के बराबर है।
आने वाले कुछ महीनों में उत्तराखंड के गांव भी एलईडी स्ट्रीट लाइट से रोशन नजर आएंगे। रात के अंधेरे में दूधिया रोशनी से जगमगाते पहाड़ के ये गांव विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे। इसके लिए गांवों में चार लाख स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी। इस काम में 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
ऐसे में एक साथ पूरे राज्य में चार लाख स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना तैयार की गई। अगले आठ से नौ महीने के भीतर ही स्ट्रीट लाइट लगाने का काम पूरा हो जाएगा। केंद्र की एजेंसी एनर्जी एफिसिएंसी सर्विस लिमिटेड यानी ईएसएसएल की ओर से जल्द लाइट लगाई जाएंगी। कंपनी पांच साल तक इनकी देखरेख-संचालन भी करेगी।
स्थानीय को रोजगार
इस योजना में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। लाइट की देखरेख का काम स्थानीय को दिया जाएगा। पूरे उत्तराखंड में करीब एक हजार स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके बाद स्थानीय ग्राम पंचायतें स्ट्रीट लाइट की देखभाल करेंगी।
ग्रामीणों को राहत
गांव में स्ट्रीट लाइट लगने से शाम और रात के समय मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में कुछ कमी आने की संभावना जताई जा रही है। गांवों में लाइट न होने से ग्रामीणों के बच्चों, पशु पर गुलदार के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।
ग्रीन सेस के जरिये हो सकेगा भुगतान
ईएसएसएल कंपनी को 250 करोड़ का भुगतान और सालाना करीब 14 करोड़ के बिजली का भुगतान कैसे हो, इसके लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। उपभोक्ताओं से लिए जाने वाले ग्रीन सेस की मद में सालाना कaरीब 60 करोड़ एकत्र होते हैं। इसमें सालाना ईएसएसएल को 42 करोड़
की किस्त और बिजली बिल का भुगतान किया जा सकेगा।
राज्य की हर ग्राम पंचायत में कम से कम 50 एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी। केंद्र सरकार की एजेंसी ईएसएसएल इस काम को करेगी। इससे राज्य के गांव आने वाले कुछ समय के भीतर जगमगाते नजर आएंगे। रखरखाव भी कंपनी पांच साल तक करेगी। इससे वन्यजीवों के होने वाले हमलों में भी कमी आएगी।