रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के लिए नौ हेली सेवाएं रोजाना ढाई सौ से अधिक उड़ानें भर रही हैं। हर उड़ान में छह से सात यात्री सफर करते हैं। रोजाना 1500 सौ बाबा के दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। पिछले 14 सालों में अब तक 10 हेली दुर्घटनाओं में 33 लोगों की मौत हो चुकी है।
शुक्रवार को केदारनाथ धाम में दर्शन के लिए जा रहे हेलीकाप्टर सवार तमिलनाडु के छह यात्रियों की जान बाल-बाल बच गई। क्रिस्टल एविएशन का आठ सीटर यह हेलीकाप्टर धाम में बने हेलीपैड पर लैंडिंग के दौरान तकनीकी खराबी आने के कारण अनियंत्रित हो गया और करीब एक मिनट तक हवा में डगमगाता रहा।
तब हेलीकाप्टर जमीन से लगभग आठ से दस मीटर ऊंचाई पर था। पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए हेलीपैड के बगल में 20 मीटर नीचे कच्ची जमीन पर आपात लैंडिंग कराकर तीर्थयात्रियों और खुद को सुरक्षित बचा लिया। हेलीकाप्टर ने रुद्रप्रयाग शेरसी हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी। सात मिनट के इस सफर को वह लगभग पूरा चुका था, लेकिन लैंडिंग से पहले यह हादसा हो गया।
टेल रोटर (पिछली तरफ के पंख) में खराबी
प्रारंभिक सूचनाओं में हेलीकाप्टर के टेल रोटर (पिछली तरफ के पंख) में खराबी आना बताया जा रहा है। सही कारण नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) की टीम के जांच के बाद ही सामने आ पाएंगे, टीम ने जांच शुरू कर दी है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के सीईओ सी रविशंकर ने बताया कि डीजीसीए ने हेली सेवा प्रदाता इस कंपनी की उड़ानों पर फिलहाल रोक लगा दी है। उन्होंने बताया कि यह हेलीकाप्टर अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी निर्मित एडब्लु- 119 माडल है।
कंपनी में इस सत्र के लिए जिन यात्रियों के टिकट बुक किए हैं उन्हें अब अन्य हेली कंपनियों के माध्यम से उड़ान की सुविधा दी जाएगी। शुक्रवार सुबह छह बजकर 50 मिनट पर क्रिस्टल एविएशन कंपनी के हेलीकाप्टर ने तमिलनाडु के छह यात्रियों शिवाजी, उल्लू बैंकट चलम, महेश्वरी, सुंदरा राज, सुमति, और मयूर बाघवानी को लेकर रुद्रप्रयाग के शेरसी से केदारनाथ धाम के लिए उड़ान भरी। दिन की उसकी यह तीसरी उड़ान थी।
लगभग छह मिनट की उड़ान के बाद जैसे ही यह हेलीकाप्टर केदारनाथ हेलीपैड पर लैंडिंग करने लगा तभी अनियंत्रित हो गया और हवा में डगमगाने लगा। वह लगभग एक मिनट तक हवा में दस बार घूमा, इसके बाद पायलट कैप्टन कल्पेश ने आपात लैंडिंग की कोशिश की। हेलीकाप्टर डगमगाते हुए हेलीपैड के निकट 20 मीटर नीचे की तरफ चला गया, वहां कच्ची जमीन पर उतरते समय हेलीकाप्टर का पिछला हिस्सा टकरा गया और इसके बाद किसी तरह हेलीकाप्टर सुरक्षित लैंड कर गया। गनीमत रही ही बड़ी दुर्घटना टल गई, पायलट समेत उसमें सवार सभी यात्री सुरक्षित हैं।
बाबा केदार ने सभी को बचा लिया
जब हेलीकाप्टर हवा में डगमगा रहा था, उस वक्त हेलीपैड पर हेली कंपनियों के कर्मचारियों और कुछ श्रद्धालु मौजूद थे। हेलीकाप्टर को अनियंत्रित होता देखकर उनकी सांस थम सी गई, सुरक्षित लैंडिंग के बाद ही उनकी जान में जान आई। सभी के मुंह से यही निकला बाबा केदार ने सभी को बचा लिया। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के अनुसार लैंडिंग से कुछ देर पहले पायलट को संकेत मिल गया था कि हेलीकाप्टर में तकनीकी खराबी आ गई है।
समय रहते पायलट ने सुरक्षित आपात लैंडिंग करा ली, सभी यात्री सुरक्षित और सकुशल हैं। हेलीकाप्टर में तकनीकी खराबी और घटना की जांच डीजीसीए की ओर से की जा रही है। उन्होंने बताया कि यात्रियों को मंदिर समिति के कर्मचारियों और पुलिस के सहयोग से बाबा केदार के दर्शन कराये गए। इसके बाद ऐरो हेली कंपनी की सेवा से वापस शेरसी लाया गया, यहां से वह बदरीनाथ धाम की यात्रा की तरफ बढ़ गए हैं।
पिछले वर्ष इसी कंपनी के हेलीकाप्टर से चली गई थी यूकाडा अधिकारी की जान क्रिस्टल एविएशन के हेलीकाप्टर से पिछले वर्ष 23 अप्रैल को केदारनाथ धाम में यात्रा तैयारियों का जायजा लेने गए यूकाडा के वित्त अधिकारी अमित सैनी की मौत हो गई थी। वह हेलीकाप्टर के टेल रोटर की चपेट में आ गए थे। सुरक्षा मानकों लेकर तब भी कंपनी पर सवाल उठे थे। इसी को देखते हुए पिछले वर्ष भी पूरे सीजन कंपनी की उड़ानों पर रोक लगा दी गई थी।
अनुभवी हैं पायलट
यूकाडा के सीईओ सी रविशंकर के अनुसार जिस हेलीकाप्टर की आपात लैंडिंग हुई है उसके पायलट कैप्टन कल्पेश अनुभवी हैं। वह सेना से रिटायर हैं। उन्हें केदारघाटी में उड़ान का व्यापक अनुभव है। जिस तरह की परिस्थितियां थीं, उसमें पायलट ने सही निर्णय लिया।