सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की अनिवार्यता पर जल्द अध्यादेश

सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की अनिवार्यता पर जल्द अध्यादेश

मानसून सत्र में इसे सदन के सामने रखा जाएगा। चिंता की बात है कि प्रदेश में कोरोना ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार  व उधमसिंहनगर जिलों में कोविड – 19 के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। बुधवार को राज्य में कोरोना के 1540 नए मरीज मिले जबकि नौ की मौत हो गई। इससे कुल मरीजों की संख्या 35947 और मृतकों की संख्या 447 हो गई है।

कैबिनेट ने गत दिनों कोरोना के कारण पैदा हालात के बीच जारी किए गए गई अध्यादेशों को विधेयक के रूप में सदन में रखने की अनुमति प्रदान कर दी है। इसमें सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की अनिवार्यता का अध्यादेश शामिल है। प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए, मार्च में यह अध्यादेश लागू किया था।

राज्य में कोरोना काल के छह माह पूरे हो गए हैं। इस दौरान कुल 33 हजार लोगों तक वायरस का प्रसार हुआ। जिसमें से 429 लोगों की मौत हो गई। हालांकि छह महीने की इस अवधि के दौरान सितंबर सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।

सितंबर के महीने में 14 दिनों में ही 13 हजार से अधिक मरीज कोरोना से संक्रमित हुए हैं। अगस्त के पूरे महीने में राज्य में 12674 लोगों को संक्रमण हुआ। जुलाई तक संक्रमण की स्थिति पूरी तरह काबू में थी और 31 जुलाई तक राज्य में महज 7183 ही मरीज थे। उत्तराखंड में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला 15 मार्च को सामने आया था।

सितंबर के महीने में न केवल मरीज बढ़े हैं बल्कि मरने वाले मरीजों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। सितम्बर महीने के 14 दिनों में अभी तक 160 संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि अगस्त महीने में कुल 269 मरीजों की मौत हुई है। राज्य में कोरोना संक्रमण के बाद मरने वाले मरीजों का आंकड़ा 6 अगस्त तक महज सौ था। जो अब बढ़कर 429 हो गया है। यानी शुरू के चार महीनो से अधिक समय तक राज्य में महज सौ ही मरीजों की मौत हुई थी। लेकिन अगस्त और सितम्बर में मौत के आंकड़ों में भी जबरदस्त तेजी आई है।

राज्य में छह महीनों के दौरान कुल 33 हजार 16 लोगों को संक्रमण हुआ है। आगे संक्रमण और तेजी से बढ़ने का खतरा है। इसी को देखते हुए सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को तैयार करने में जुटी है। उसे उम्मीद है कि स्थिति को संभाल लिया जाएगा।

बढ़ते संक्रमण पर एक नजर

एक हजार मरीज – 2 जून
पांच हजार मरीज – 22 जुलाई
10 हजार मरीज – 10 अगस्त
20 हजार मरीज – एक सितम्बर
30 हजार मरीज – 12 सितम्बर

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