देहरादून। जीवन में कभी अपने घर परिवार के साथ खुशियां मनाने वाले, त्यौहारों पर तरह तरह के पसंदीदा समान ले जानेवाले आज दीपावली की जगमगाहट से दूर आश्रम में अपना जीवन के क्षणों को बिता रहे हैं। दीपावली के शुभ अवसर पर वृक्षमित्र के नाम से मशहूर डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने वृक्ष मित्र अभियान के तहत अपने परिवार संग प्रेमधाम वृद्धाआश्रम में बुजुर्गों के साथ अपनी दीपावली मनाई और आश्रम में रह रहे वृद्धजनों को सेब, केला, खील व बतासे को बाटकर बुजुर्गों के साथ अपना समय बिताया तथा वृद्धजनों को घर का विरासत मानते हुए उनको अपने साथ रखने की अपील भी की।
वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहाकि अपने परिवार के बुजुर्गों की कमी जीवन में बहुत खलती हैं उनका डाटना, फटकारना हमे अनुशासन व अच्छे मार्ग पर ले जाने की सीख देती हैं जब वो हमारे जीवन से दूर चलेजाते है तब उनकी कमी बहुत खलती हैं। आज मेरे माता पिता स्व कुन्ती देवी व स्व मोहन राम हमारे साथ नही है वे इस दुनिया से चलबसे है उनकी समय समय व बार त्यौहारों पर बहुत याद आती हैं उनकी कमी को दूर करने हेतु मैंने अपनी दीपावली वृद्धाआश्रम के बुजर्गों के साथ मनाई ताकि किसी के बुजुर्ग को बेटे, बहु व नाती नातिन की कमी न खले, वृद्धाआश्रम के वृद्धजनों के साथ दीपावली का त्यौहार मनाकर मन को अति शांति मिले।
आज मैं बहुत खुस हु बेसहारे बुजुर्गों के साथ मैंने दीपावली मनाई ये बुजुर्ग हमारे धरोहर हैं उनको अपने साथ रखकर हमारा जन्मों जन्मों का उद्धार होगा, ये सभी कार्य मैं अपने वेतन का कुछ हिस्सा लगाकर करता हु क्योकि वृक्ष मित्र अभियान कोई संस्था नही हैं। शकुंतला सोनी ने कहाकि बुजुर्गों की सेवा के लिए भावनाओं का होना जरूरी हैं जब हम अपने बुजुर्गों की सेवा करेंगे तो हमारे बच्चे भी सेवाभाव सिखींगे, फल वितरण में वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी शकुंतला सोनी श्रेष्ठ सोनी श्रेष्ठिता सोनी।