देहरादून। देहरादून शहर इन दिनों पूरी तरह से कूड़े के ढ़ेर में तब्दील हुआ नजर आ रहा है। सफाई पसंद लोगों के इस शहर में गंदगी के ढेर लग गए हैं। स्वच्छ भारत का नारा यहां मुंह चिढ़ा रहा है। समस्या के निदान के लिए ठोस पहल का अभाव नजर आ रहा है। अब हड़ताली कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई शुरू हुई है, मगर सफाई के वैकल्पिक इंतजाम नहीं हो सके। नगर निगम कुछ खास नहीं कर पाया। एनजीओ और सफाई के प्रोजेक्ट चलाने वाले भी इन दिनों नदारद हैं। सफाई कर्मचारी अपनी मांग पर अड़े हैं। नगर निगम और सरकार का अपनी डफली अपना राग है। ऐसी सूरत में किसको मानें जिम्मेदार?
पिछले नौ दिनों से चली आ रही हड़ताल को लेकर अब जाकर नगर निगम प्रशासन ने हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई की। नगर आयुक्त के आदेश पर नाला गैंग के 120 कर्मचारियों को हटाने के साथ ही नाइट स्वीपिंग में काम पर न आने वाले 44 कर्मचारियों को भी हटा दिया गया है। निजी काम से कई दिनों से छुट्टी में चल रहे नगर आयुक्त ने बुधवार को कार्यभार संभाला और सफाई कार्य के लिए खुद मैदान में उतरे। प्रशासन की टीम ने सोमवार रात दो बजे से लेकर सुबह चार बजे तक अभियान चलाया। हड़ताल पर प्रशासन के रुख को देखते हुए नाइट स्वीपिंग में लगे 75 कर्मचारियों में से 31 कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। इसकी पुष्टि अपर नगर आयुक्त नीरज जोशी ने की। प्रशासन के आला अधिकारियों व पुलिस की मौजूदगी में परेड मैदान, म्यूनिस्पल रोड, कान्वेंट रोड आदि से 140 टन कूड़ा उठवाया गया। नगर निगम ने एनजीओ से सहयोग मांगा है। रात को 8 बजे सफाई कर्मचारी यूनियन की नगर आयुक्त से बात हुई। नगर आयुक्त ने आश्वासन दिया कि कल में इस मामले मे सचिव से बात करेंगे।
हड़ताल के चलते पिछले एक सप्ताह से दून अस्पताल से कूड़ा नहीं उठा है, जबकि अस्पताल में रोजाना भारी मात्रा में कूड़ा पैदा होता है। दून अस्पताल में शौचालय के ठीक बगल में कूड़ा स्थल है, जहां पर कूड़े के ढेर लग गए हैं। यहां पड़ा कूड़ा सड़ रहा है, जिससे मरीजों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल परिसर में दुर्गंध फैल रही है। लक्खीबाग वार्ड से निवर्तमान पार्षद सुशील गुप्ता ने क्षेत्र में सफाई अभियान चलाया। सुशील गुप्ता रिक्शा लेकर क्षेत्र में गए और कूड़ेदान के पास बिखरे कूड़े को रिक्शा में डालकर गाड़ी में डलवाया। साथ ही उन्होंने सड़कों में पड़े कूड़े को भी साफ किया। मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय संगठन की ओर से बुधवार को शांति विहार में शाम को सफाई अभियान चलाया जाएगा।
सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से अब दुकानदार भी प्रभावित होने लगे हैं। तहसील के पास सड़क में चारों तरफ कूड़े के ढेर लगने से व्यापारी परेशान हैं। तहसील सब्जी मंडी बाजार में कूड़े से उठ रही दुर्गन्ध के कारण पिछले चार दिन में आठ व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दी हैं। दून शहर में पिछले नौ दिन से सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। जो अब मुख्य सड़कों पर फैलने लगे हैं। जहां भी कूड़े के ढेर लगे हैं, वहां आसपास रहने वालों लोगों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई। तहसील बाजार में कूड़े के ढेर से व्यापार भी प्रभावित होने लगा है। तहसील चौक से कुछ आगे जूते की दुकान चलाने वाले मोहम्मद अफीस कहते हैं कि कोई ग्राहक आ नहीं रहा था, दुर्गंध ऐसी आ रही है कि दुकान में बैठा नहीं जा रहा, ऐसे में दुकान बंद कर दी है। अब्दुल की कास्मेटिक की दुकान, मौ. आदिल की क्रॉकरी की दुकान, ईदविश अहमद की सूट-साड़ी के अलावा यहां सब्जी की दुकानें लगनी भी बंद हो गई हैं। कूड़े के ढेर से उठ रही दुर्गंध से लोगों का यहां से गुजरना मुश्किल हो रहा है।
पिछले नौ दिन से हड़ताल चल रही है और भाजपा से जुड़े कई नेता न तो हड़ताली कर्मचारियों की बात को आगे रखने के लिए सामने आ रहे हैं और न हड़ताल खत्म करने के प्रयास करते दिख रहे हैं। भाजपा की ओर से जो थोड़ा बहुत प्रयास दिखाई दिए वह सुनील उनियाल गामा की तरफ से थे, लेकिन उनकी कोशिशें भी रंग नहीं ला पाई। राष्ट्रीय वाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष और भाजपा नेता भगवत प्रसाद मकवाना का कहना है कि वह असोम गए थे, इस वजह से अभी तक कोई पहल नहीं हो पाई है। अब वह दून लौट आए हैं, इस मामले में शहरी विकास मंत्री से मिलकर हल निकाला जाएगा। भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री जयपाल वाल्मीकि कहा कि राजनैतिक पार्टियां इस लड़ाई में शामिल नहीं होंगे।
हड़ताल से शीशमबाड़ा में कूड़े के ट्रीटमैंट प्लांट में भी असर पड़ा है। आम दिनों में शीशमबाड़ा प्लांट में रोजाना 240 टन कूड़ा जाता था, लेकिन अब मात्र 80 से 100 टन कूड़ा ही प्लांट में जा रहा है। शहर से रोजाना 140 से 160 टन कूड़ा नहीं उठ पा रहा है। चकराता रोड, बिंदाल पुल, रेसकोर्स बन्नू स्कूल के पास, एफआरआई के पास, कौलागढ़, रायपुर रोड, पंडितवाड़ी के पास, कांवली रोड में दो जगह पर, नेहरू कालोनी व धर्मपुर सब्जी मंडी के पास आदि जगहों पर कूड़े के बड़े ढेर लगे हैं।