उत्तराखंड की 13 जिला पंचायतों को 143 करोड़ का डिजिटल हस्तांतरण
त्रिस्तरीय पंचायतों को धनराशि का डिजिटल हस्तांतरण करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इससे पंचायतों में कार्यों में तेजी के साथ ही पारदर्शिता आएगी। सरकारी सिस्टम के प्रति जनता का विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि पंचायतों में जो भी कार्य हो रहे, उनकी जियो टैगिंग और जीआइएस मैपिंग कराई जाए। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि पंचायतों में चल रहे कार्यों में मानकों और डिजाइन का विशेष ध्यान रखा जाए। कार्यों की नियमित मॉनीटरिंग हो। यह सुनिश्चित किया जाए कि पंचायतों को दी जाने वाली राशि का सदुपयोग हो।
प्रदेश की सभी 7791 ग्राम पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों और 13 जिला पंचायतों को 15 वें वित्त आयोग से मिली टाइड अनुदान की 143.50 करोड़ की राशि हस्तांतरित कर दी गई है। शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस राशि का डिजिटल हस्तांतरण किया। इससे पहले 22 जून को त्रिस्तरीय पंचायतों को अनटाइड अनुदान की इतनी ही राशि का हस्तांतरण किया गया था।
मुख्यमंत्री ने पंचायतों में पथ प्रकाश की व्यवस्था का ध्यान रखने, जल संरक्षण से जुड़े कार्यों में विशेषज्ञों की राय लेने, डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने को भी कहा। न्याय पंचायत स्तर पर ग्रोथ सेंटर योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें पंचायतों और पंचायतीराज विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सरकार का प्रयास है कि इन ग्रोथ सेंटरों की अलग पहचान हो और प्रत्येक ग्रोथ सेंटर के उत्पादों की अच्छी ब्रांडिंग हो।
अपर सचिव और निदेशक पंचायतीराज एचसी सेमवाल ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायतों को अपनी कार्ययोजना ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड करनी है। इसी के जरिये जियो टैगिंग और अन्य कार्य होने हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 6773 ग्राम पंचायतों में ई-ग्राम स्वराज पोर्टल शुरू हो चुका है। 3554 ग्राम पंचायतों ने ऑनलाइन पेमेंट शुरू कर दिया गया है। इस पोर्टल से पंचायत को सभी स्रोतों से प्राप्त होने वाली राशि और विकास कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी ली जा सकेगी।