उत्तराखंड के क्रिकेटरों को हेलीकॉप्टर शॉट मारना सिखाएंगे धौनी
हर खिलाड़ी को उसकी कुछ खासियत के रूप में जाना जाता है। जैसे मिल्खा सिंह को उनकी रफ्तार के लिए, युवराज सिंह को एक ओवर में छह छक्के जड़ने के लिए, एबी डी विलियर्स को 360 डिग्री पर खेलने के लिए और महेंद्र सिंह धौनी को हेलीकॉप्टर शॉट लगाने के लिए। उत्तराखंड की क्रिकेट एसोसिएशन भी कुछ इसी तरह के प्रयास कर रही है कि उत्तराखंड के खिलाड़ी भी अंतरराष्ट्रीय फलक पर अपनी अलग पहचान बना सकें। इसके लिए क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए एक क्रिकेट एकेडमी खोलने की योजना बना रही है।
हेलीकॉप्टर शॉट क्रिकेट में सबसे रोमांचक शॉट में से एक है। जब भी यह शॉट खेला जाता है तो सबसे पहले दिमाग में आने वाला नाम है महेंद्र सिंह धौनी। हेलीकॉप्टर शॉट को धौनी से पहले और बाद में कई खिलाड़ियों ने खेलने का प्रयास किया, लेकिन उस तरीके से कोई नहीं खेल पाया जिस तरह धौनी खेलते है। लेकिन अब वो दिन दूर नहीं जब उत्तराखंड के खिलाड़ी भी हेलीकॉप्टर शॉट लगाते नजर आएंगे। इसके पीछे की वजह हैं खुद कैप्टेन कूल महेंद्र सिंह धौनी। जी हां महेंद्र सिंह धौनी उत्तराखंड के खिलाड़ियों को हेलीकॉप्टर शॉट लगाना सिखाएंगे। एसोसिएशन इसके लिए प्रयास कर रही है।
वैसे तो प्रदेश में तमाम सुविधाओं से लैस क्रिकेट एकेडमी मौजूद हैं, लेकिन सभी प्रशिक्षण के एवज में मोटी रकम बसुलते हैं। ऐसे में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड एसोसिएशन की एक अपनी अलग एकेडमी बनाने की योजना तैयार कर रहीं है। जहां खिलाड़ियों को निश्शुल्क प्रशिक्षण दिया जाए। साथ ही एक खिलाड़ी के लिए जरूरी सुविधाएं दी जाएं। जिससे वह अपने खेल में निखार ला सके। इसके लिए एसोसिएशन की योजना महेंद्र सिंह धौनी से टाईअप करने की है।
अगर धौनी एसोसिएशन की एकेडमी में कुछ दिन प्रदेश के खिलाड़ियों को अपने बहुमुल्य टिप्स देंगें तो प्रदेश के खिलाड़ियों का मनोबल उच्च स्थान पर रहेगा। साथ ही समय समय पर मिलने वाले धौनी के मार्गदर्शन से प्रदेश के क्रिकेटर अपना लक्ष्य साधने में भी कामयाब रहेंगें। इसके लिए अभी योजना बनाई जा रही है। कोरोना काल के बाद इस पर तेजी से कार्य किया जाएगा। अगर धौनी का समय मिल पाता है तो यह प्रदेश व यहां के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी। हालांकि एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने महेंद्र सिंह धौनी से उनके रिटायरमेंट के बाद फोन पर बातचीत कर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं और प्रदेश में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए क्या-क्या प्रयास किए जा सकते हैं उन पर चर्चा की है।
क्रिकेट का स्तर सुधारने का चल रहा प्रयास
उत्तराखंड को बीसीसीआई से वर्ष 2019 में ही पूर्ण रूप से मान्यता मिली है। पिछले दो सत्रों में प्रदेश के खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान एकत्र किया है। बीसीसीआइ के घरेलू सत्र में पहली बार खेलते हुए उत्तराखंड की टीम ने प्लेट ग्रुप से क्वालीफाई कर सबको चौंका दिया। इससे एक बात तो तय हो गई कि प्रदेश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। अगर कोई कमी है तो सिर्फ इन प्रतिभाओं को सही तरीके से तराशने की। अब एसोसिएशन ने इसी फॉर्मूले पर काम करना शुरू कर दिया है। एसोसिएशन ने खिलाड़ियों को निखारने और उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए अनुभवी प्रशिक्षकों को अपने खेमें में शामिल किया है।
इसमें सबसे पहला नाम वसीम जाफर का है। एसोसिएशन ने वसीम जाफर को सीनियर पुरुष टीम की कमान सौंपी है। वसीम जाफर को बीसीसीआइ के घरेलू सत्र का सचिन तेंदुलकर कहा जाता है। वसीम ने भी यह बात मानी कि उत्तराखंड में टैलेंट की कमी नहीं है। बस उनके टैलेंट को सही समय पर निखारने की जरूरत है। इसके लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने अब तक क्रिकेट से जितना सीखा है, वह सब उत्तराखंड के खिलाड़ियों को सिखाने का प्रयास करेंगें। हालांकि, वसीम जाफर आइपीएल के बाद प्रदेश के खिलाड़ियों से जुड़ेंगे। अभी जाफर आईपीएल फ्रेंचाइज़ी टीम किंग्स इलेवन पंजाब के बैटिंग कोच हैं और टीम के साथ यूएई में हैं।
महिम वर्मा (सचिव क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड) का कहना है कि प्रदेश के खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए एसोसिएशन अपनी एकेडमी बनाने की तैयारी कर रही है। एकेडमी में बतौर गेस्ट प्रशिक्षण देने के लिए कैप्टेन कूल महेंद्र सिंह धौनी से बातचीत की जाएगी। अगर वह मान जाते हैं। तो प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है।