कुंभ शाही स्नान के दिन हरकी पैड़ी पर गंगा में डुबकी नहीं लगा सकेंगे श्रद्धालु
शाही स्नान के दिन दिल्ली से आने वाले श्रद्धालुओं को मध्य हरिद्वार और देहरादून की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को उत्तरी हरिद्वार के गंगा घाटों पर स्नान करना होगा। शाही स्नान पर भीड़ न बड़े इसको लेकर तमाम व्यवस्थाएं पुलिस तैयार कर रही है।
कुंभ के शाही स्नान के दिन हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं गंगा स्नान नहीं कर सकेंगे। अन्य छह स्नान पर्व पर आसानी से रजिस्ट्रेशन के बाद यात्री हरकी पैड़ी पहुंचकर स्नान कर सकेंगे। अगले माह होने वाले 14 जनवरी के स्नान के लिए अभी से तैयारियां मेला पुलिस ने शुरू कर दी है।
शाही स्नान के दिन हरकी पैड़ी पर पेशवाई और अखाड़े स्नान करते हैं। 2021 में लगने वाले कुंभ की तैयारियां तेज हो गई हैं। कोविड के चलते इस बार लगने वाला कुंभ में कई बदलाव देखने को मिलने वाले है।
ऐसा पहली बार होगा जब श्रद्धालुओं को यहां आने से पहले पोर्टल के जरिये रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। कुंभ का पहला स्नान 14 जनवरी को होगा। मेला प्रशासन ने 107 घाटों को स्नान के लिए तैयार किया है।
जो करीब 1.97 लाख स्क्वायर फिट में फेला है। रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल तैयार होने वाला है। पोर्टल में गंगा घाट का नाम भी लिखना होगा। शाही स्नान पर हरकी पैड़ी पर यात्रियों को नहीं आने दिया जाएगा।
स्नान के दिन पेशवाई हरकी पैड़ी पहुंचती है और अखाड़े स्नान करते है। इसके अलावा 14 जनवरी के मकर संक्रांति, 11 फरवरी के मौनी अमावस्या, 13 फरवरी के वसंत पंचमी समेत अन्य स्नानों पर हरकी पैड़ी पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी।
यह पहला मौका है जब जिस दिशा की ओर से आने वाले यात्रियों को उसी दिशा में पड़ने वाले गंगा घाट पर स्नान कराया जाएगा। दिल्ली से आने वाले लोगों को ज्वालापुर और मध्य हरिद्वार के गंगा घाटों पर स्नान कराकर वापस भेजा जाएगा।
जबकि देहरादून की ओर से आने वालों को उत्तरी हरिद्वार के घाटों पर स्नान कराया जा सकेगा। श्यामपुर की ओर से आने वालों को रोडीबेल वाला, अलकनंदा, चंडी घाट के आसपास ही स्नान कराया जाएगा। यह व्यवस्था शाही स्नान के दिन ही रहेगी।
इन स्नान पर हरकी पैड़ी नहीं जा सकेंगे यात्री
-पहला शाही स्नान 11 मार्च महाशिवरात्रि
-दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या,
-तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल बैसाखी मेष पूर्णिमा
-चौथा शाही स्नान 27 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा
-14 जनवरी – मकर संक्रांति
-11 फरवरी -मौनी अमावस्या
-13 फरवरी – वसंत पंचमी
-27 फरवरी -माघ पूर्णिमा
-13 अप्रैल – नव संवत्सर