कुंभ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं का होगा रजिस्ट्रेशन और एंटीजन टेस्ट

कुंभ मेला में आने वाले श्रद्धालुओं का होगा रजिस्ट्रेशन और एंटीजन टेस्ट

14 जनवरी को मकर संक्रांति के स्नान पर्व की अलग से एसओपी जारी की जाए। उन्होंने साफ कर दिया कि कुंभ मेला के दौरान कोविड-19 महामारी को लेकर बरती जा रही एहतियात और प्रबंधों में सरकार किसी भी तरह की ढील नहीं देगी।

कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और एंटीजन टेस्ट होगा। हर प्रवेश स्थल पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुंभ मेला की तैयारियों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को ये निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, पुलिस महानिदेशक, मेलाधिकारी व आईजी कुंभ मेला शामिल हुए। सभी अधिकारियों ने कुंभ मेला की अब तक तैयारियों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कुंभ मेले के सफल आयोजन एवं श्रद्धालुओं को सुविधा का ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सड़क, पुलों, पार्किंग स्थलों आदि के निर्माण पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने इसकी व्यवस्थाओं को 2010 कुंभ के अनुरूप किये जाने की बात कही। उन्होंने प्रमुख अखाड़ों के प्रमुखों से समन्वय कर उनके सुझाव के अनुसार भी व्यवस्थाएं करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महत्वपूर्ण आयोजन में आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित ढंग से कुंभ स्नान की व्यवस्था की जाए। इसके लिए सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। इस संबंध में परिस्थिति के अनुकूल यथा समय एडवाइजरी जारी करने की व्यवस्था की जाए।

सीएम ने कहा कि कुंभ मेले में आने वालों के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था हो। हर एंट्री प्वाइंट पर थर्मल स्क्रीनिंग के साथ ही एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने कुंभ मेले के दौरान भीड़ प्रबंधन की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए अन्य राज्यों से भी विचार विमर्श किया जाए। उन्होंने पुलिस महानिदेशक से भीड नियंत्रण  के लिए कंटीजेंट प्लान तैयार करने को कहा।

प्रदेश सरकार 14 जनवरी को होने वाले मकर संक्रांति स्नान पर्व को कुंभ मेले के अन्य स्नानों के लिटमस टेस्ट मान रही है। भीड़ प्रबंधन को लेकर अभी जो कार्ययोजना तैयार की गई है, मकर संक्रांति का स्नान पर्व पर उसकी परीक्षा होगी। एक तरह से यह भीड़ प्रबंधन को लेकर पूर्वाभ्यास भी होगा।

यही वजह है कि इस स्नान में राज्य के भीतर और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को रोका या टोका नहीं जाएगा। कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए स्नान पर्व की व्यवस्था होगी।

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक के मुताबिक, स्नान पर्व पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या से अन्य स्नान पर्वों पर जुटने वाली भीड़ का कुछ अंदाजा लगेगा। साथ ही कुंभ के दृष्टिगत भीड़ प्रबंधन की तैयारी करने और परखने में मदद मिलेगी।

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